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जिले में एक्टिव मरीज 17 हजार के पार, कोविड अस्पतालों में बिस्तर 1977 

कोरोना संक्रमण का बढ़ता प्रसार और मरीजों की हर दिन बढ़ती संख्या के सापेक्ष जिले में गंभीर कोविड संक्रमितों के लिए अस्पतालों में बिस्तर नहीं हैं। कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 22 अप्रैल की शाम पांच बजे तक 17 हजार 99 हो गई पर इलाज के लिए 1977 बेड की व्यवस्था है। इनमें कालिंदीपुरम कोविड केयर सेंटर एलवन अस्पताल में बिस्तर तो 400 हैं, लेकिन मरीज सिर्फ 22 ही भर्ती हैं। यहां बिना लक्षणों वाले संक्रमितों को भर्ती कर इलाज करने की सुविधा है। अप्रैल महीने में संक्रमितों के आंकड़े खौफ बढ़ाने वाले साबित हो रहे हैं। नए पॉजिटिव मरीजों की संख्या दो हजार से पार है। वहीं संक्रमण से गंभीर मरीजों की जान भी जा रही है। कहीं भर्ती होने की जद्दोजहद तो कहीं दवाओं और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। मंडल के सबसे बड़े अस्पताल एमएलएन मेडिकल कॉलेज के एलथ्री एसआरएन अस्पताल में बृहस्पतिवार शाम तक 485 बेड थे। एसआईसी डॉ. अजय अब कोविड मरीजों के लिए बेड की संख्या 518 हो गई है। उन्होंने बताया कि कोविड मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं तेज बहादुर सप्रू अस्पताल (बेली) में 20 बेड के आईसीयू के साथ कुल 180 बिस्तरों पर कोविड संक्रमितों को भर्ती करने की व्यवस्था है। इस एलटू अस्पताल में फिलहाल कोई जगह नहीं है। वहीं एलटू रेलवे हॉस्पिटल के भी सभी सौ बेड फुल हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. ऋषि सहाय के मुताबिक निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज शुरू होने से संक्रमितों को राहत मिली है। अगले 24 घंटे में साईंनाथ एएमए द्वाराका हास्पिटल में भी 40 कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने का काम शुरू हो जाएगा। इस अस्पताल में प्रारंभिक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। ऑक्सीजन लाइन स्थापना के लिए बेली में 40 बेड का वार्ड बंदटीबी सप्रू बेली अस्पताल में 40 बेड का एक वार्ड बंद कर दिया गया है। इस वार्ड में इंटरनल ऑक्सीजन लाइन स्थापना का काम शुरू हुआ है  ताकी गंभीर संक्रमित कोरोना मरीजों का बेहतर उपचार किया जा सके। बेली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एमके अखौरी के मुताबिक यह काम चार दिन में पूरा करा लिया जाएगा।इन निजी अस्पतालों में हो रहा कोविड मरीजों का इलाजशहर के सृजन अस्पताल, फिनिक्स, आशा, यश, नारायण स्वरूप, यूनाइटेड मेडीसिटी, वात्सल्य, ओझा शंकुतला, मां शारदा हॉस्पिटल, प्राची, विनीता हॉस्पिटल में कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है। किसी निजी अस्पताल के कोविड वार्ड में बेड खाली नहीं हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ऋषि सहाय के मुताबिक अगले दो दिनों में दो से तीन अन्य निजी अस्पतालों में कोविड संक्रमितों को भर्ती करने की सुविधा हो जाएगी।

कोरोना संक्रमण का बढ़ता प्रसार और मरीजों की हर दिन बढ़ती संख्या के सापेक्ष जिले में गंभीर कोविड संक्रमितों के लिए अस्पतालों में बिस्तर नहीं हैं। कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 22 अप्रैल की शाम पांच बजे तक 17 हजार 99 हो गई पर इलाज के लिए 1977 बेड की व्यवस्था है। इनमें कालिंदीपुरम कोविड केयर सेंटर एलवन अस्पताल में बिस्तर तो 400 हैं, लेकिन मरीज सिर्फ 22 ही भर्ती हैं। यहां बिना लक्षणों वाले संक्रमितों को भर्ती कर इलाज करने की सुविधा है।

अप्रैल महीने में संक्रमितों के आंकड़े खौफ बढ़ाने वाले साबित हो रहे हैं। नए पॉजिटिव मरीजों की संख्या दो हजार से पार है। वहीं संक्रमण से गंभीर मरीजों की जान भी जा रही है। कहीं भर्ती होने की जद्दोजहद तो कहीं दवाओं और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। मंडल के सबसे बड़े अस्पताल एमएलएन मेडिकल कॉलेज के एलथ्री एसआरएन अस्पताल में बृहस्पतिवार शाम तक 485 बेड थे। एसआईसी डॉ. अजय अब कोविड मरीजों के लिए बेड की संख्या 518 हो गई है। उन्होंने बताया कि कोविड मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

वहीं तेज बहादुर सप्रू अस्पताल (बेली) में 20 बेड के आईसीयू के साथ कुल 180 बिस्तरों पर कोविड संक्रमितों को भर्ती करने की व्यवस्था है। इस एलटू अस्पताल में फिलहाल कोई जगह नहीं है। वहीं एलटू रेलवे हॉस्पिटल के भी सभी सौ बेड फुल हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. ऋषि सहाय के मुताबिक निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज शुरू होने से संक्रमितों को राहत मिली है। अगले 24 घंटे में साईंनाथ एएमए द्वाराका हास्पिटल में भी 40 कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने का काम शुरू हो जाएगा। इस अस्पताल में प्रारंभिक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।