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एसआरएन हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर और पुलिस कर्मी में मारपीट, कार्रवाई की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठे

प्रयागराजपूरा देश कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा है तो वहीं प्रयागराज में एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसकी वजह से आम आदमी की चिंता थोड़ी से बढ़ गई। कोविड-19 लेवल-3 एसआरएन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के बाद जमकर बवाल हुआ है। शुक्रवार सुबह नेगेटिव मरीज को पॉजिटिव वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, जिसको लेकर तीमारदार डॉक्टरों से ही भिड़ गए। तीमारदारों पर आरोप है कि उन्होंने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के साथ ग्लूकोज चढ़ाने वाले स्टैंड से मारपीट की, जिसमें डॉक्टरों को चोट आई है। वहीं, मारपीट की घटना में मरीज के तीमारदारों को भी गंभीर चोटें आई हैं।जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठेप्रयागराज स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के बाद जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठ गए। अस्पताल के ईएमओ डॉ. सूर्यभान कुशवाहा समेत सभी डॉक्टर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के दौर में सभी मेडिकल टीम अपनी जान की परवाह न करते हुए काम कर रहे हैं। चिकित्सकों का आरोप है कि मौके पर मौजूद चार पुलिस कर्मियों ने भी कोई बीच-बचाव नहीं किया, लेकिन जब अस्पताल के दूसरे डॉक्टर और कर्मचारी इकट्ठा होने लगे तब पुलिस ने इंस्पेक्टर समेत चारों को हिरासत में ले लिया गया। इस घटना के बाद अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। धरने पर बैठे डॉक्टरों का कहना है की तीमारदारों द्वारा जिस तरह मारपीट की जा रही है, उससे उनमें भय का माहौल पैदा हो रहा है। डॉक्टरों ने कहा है कि उन्हें सुरक्षा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के बगैर वे काम पर नहीं लौटेंगे।ये है पूरा मामलाउत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात जुल्फिकार अली अपनी मां को 18 अप्रैल को तबीयत खराब होने की वजह से कोविड-19 लेवल-3 एसआरएन अस्पताल भर्ती करवाया। रात को ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टर ने उनकी मां को कोविड वार्ड नंबर 2 में भर्ती कर दिया, जबकि पीड़ित जुल्फिकार का कहना है उनकी मां कोविड-19 पॉजिटिव नहीं थीं, फिर भी उन्हें कोविड-19 वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इस दौरान पीड़ित जुल्फिकार की मां का देहांत हो गया। इसी बात पर डॉक्टर से कहासुनी हो गई, जो मारपीट में तब्दील हो गई। मौजूद डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों और परिवार वालों ने बुरी तरीके से डॉक्टर के साथ मारपीट की। वहीं, परिजनों का कहना है कि डॉक्टर अपनी गलती मानने के बजाय मारपीट पर उतारू थे। वहीं, इस मारपीट में एक डॉक्टर के साथ पीड़ित परिवार के जुल्फिकार पुलिसकर्मी और उनके दो भाई गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनको इलाज के लिए दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया।मौके पर पहुंचे आलाअधिकारीघटना से खफा डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। डीआईजी और डीएम भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने नाराज डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की, लेकिन काफी देर तक मान मनौव्वल का दौर चलता रहा, आखिरकार कई घंटे चले धरने के बाद अधिकारियों के आश्वासन पर जूनियर डॉक्टरों ने धरना समाप्त कर दिया और काम पर वापस आ गए। आपको बता दें डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की वजह से कुछ समय के लिए प्रयागराज के स्वरूप रानी हॉस्पिटल में कामकाज रुक गया। इस वजह से भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन धरना समाप्त होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को राहत मिली।

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