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4 दिन पहले गुजर चुके थे पिता..अस्पताल में फल और जूस भिजवाता रहा बेटा, डेड बॉडी की जगह मिला डेथ सर्टिफिकेट

हाइलाइट्स:प्रयागराज के एआरएन अस्पताल में एक कोविड मरीज की मौत के बाद अस्पताल वालों ने ये बात उसके बेटे को नहीं बतायीबेटा अपने पिता को जिंदा समझकर चार दिन तक रोज उनके लिये अस्पताल में फल और जूस लाता रहापिता तो नहीं मिले…मिला केवल डेथ सर्टिफिकेटप्रयागराजप्रयागराज के धूमनगंज इलाके के रहने वाले बच्ची लाल स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल का चक्कर लगा रहे हैं। दरअसल इनके पिता कोविड-19 पॉजिटिव हो गए जिसके चलते अपने पिता को हॉस्पिटल में एडमिट कराया। कई दिन बाद जब उनके पिता अपने बिस्तर पर नहीं मिले उन्होंने अस्पताल के लोगों से पूछा तो उनके पिता की डेड बॉडी तो नहीं दी, लेकिन हाथ में डेथ सर्टिफिकेट दिया। वहीं इस बीच बेटा अपने पिता को जिंदा समझकर चार दिन तक रोज उनके लिये अस्पताल में फल और जूस लाता रहा। अब बच्ची लाल अपने पिता की डेड बॉडी के लिए हर दिन प्रयागराज स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल का चक्कर लगा रहे हैं।पॉजिटिव होने के बाद भर्ती किया हॉस्पिटल मेंप्रयागराज धूमनगंज ट्रांसपोर्ट नगर के रहने वाले बच्ची लाल एजी ऑफिस से रिटायर हैं। इनके पिता मोतीलाल 82 वर्ष के थे, जिनको 12 अप्रैल को बुखार आ रहा था। जब प्राइवेट हॉस्पिटल गए तो वहां पर डॉक्टर ने बोला पहले इनका कोविड-19 टेस्ट कराइये फिर भर्ती किया जाएगा। जब पिता के जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसके बाद उन्होंने कई प्राइवेट हॉस्पिटल में ट्राई किया, लेकिन उनके पिता कहीं भर्ती नहीं हो सके। इस वजह से उन्होंने इमरजेंसी नंबर पर फोन किया तब जाकर उनको प्रयागराज स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) हॉस्पिटल में विंग बी बेड नंबर 37 पर भर्ती किया गया।Chhattisgarh Corona News: मोदी से मीटिंग में बघेल ने भी उठाया कोरोना वैक्सीन से दो अलग रेट का मुद्दा, देखिए क्या कहाडेडबॉडी तो नहीं मिली…लेकिन मिल गया डेथ सर्टिफिकेटबच्ची लाल अपने पिता से मिलने हर दिन जाते और बाहर देखकर जूस और फल देकर चले जाते थे। चूंकि 18-19 को लॉकडाउन लगना था। हॉस्पिटल पहुंचकर उन्होंने अपने पिताजी को देखा तो अपने बेड पर नहीं थे। जब वहां पर मौजूद कर्मचारी से पूछा तो उन्होंने कहा आपके पिताजी को बेड नंबर 37 से 9 पर शिफ्ट कर दिया गया है। बच्ची लाल ने अस्पताल के कर्मचारी से भी पूछा क्या मेरे पिताजी ठीक हैं? कर्मचारी ने जवाब दिया आप के पिताजी ठीक हैं, ठीक से खा पी रहे हैं जल्दी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।वीडियो: बीमार था बच्‍चा, इलाज की गुहार लेकर डॉक्‍टरों के पास अस्‍पताल पहुंची मां बिल्‍लीएसआरएन हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर और पुलिस कर्मी में मारपीट, कार्रवाई की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठेदेते रहे फल और जूस…फिर मिलने गए तब सामने आई सच्चाईइसके बाद फिर 20 अप्रैल को फल और जूस देकर वापस चले गए और जब 21 को उन्होंने फल भिजवाया तब अस्पताल की ओर से बताया गया कि आपके पिता ने फल लेने से मना कर दिया। तब बच्ची लाल ने पिता से मिलने की जिद की। तब तक 9 नंबर वाला पेशेंट सामने आ गया तो बच्ची लाल ने कहा ये मेरे पिताजी नहीं है। फिर वहां के स्टाफ ने बताया कि उनके पिताजी कहीं और शिफ्ट कर दिया गया। ऊपर से लेकर नीचे तक पूरा हॉस्पिटल देख डाला लेकिन उनके पिता नहीं मिले।पिता तो नहीं मिले…मिला केवल डेथ सर्टिफिकेटएसआरएन के अधीक्षक के पास पहुंचे अधीक्षक ने भी अपने रजिस्टर देख डालें। उनके पिताजी का कहीं नाम दर्ज नही है। अधीक्षक ने अपने कर्मचारी के साथ फिर से देखने के लिए बच्ची लाल को उनके साथ भेजा। उसके बाद कई जगह देखा गया लेकिन नहीं मिले। जब रजिस्टर्ड चेक किया गया तो रजिस्टर्ड में 17 अप्रैल को उनके पिताजी का डेथ सर्टिफिकेट साथ में चिपका था। जो उनके हाथों में दे दिया गया।Oxygen Shortage takes Lives: ऑक्सीजन की कमी ने फिर ली पांच जानें, मरीजों की मौत के बाद अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और स्टाफCoronavirus In Uttar Pradesh: यूपी में रेकॉर्ड 37,238 नए मामले, 10 दिन में आए 2.90 लाख से ज्यादा केसहॉस्पिटल का लगा रहे हैं चक्करबच्ची लाल के पिता की डेड बॉडी क्या हुई यह हॉस्पिटल प्रशासन बता नहीं पा रहा है। अब हर दिन बच्ची लाल अपने पिताजी की डेड बॉडी के लिए अधिकारी के ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं। बच्ची लाल का यह कहना है मेरे पिताजी की डेड बॉडी क्या हुई क्योंकि आखिरी समय में उनका अंतिम संस्कार करना चाहता हूं। मेरी सरकार और प्रशासन से गुहार है कि मेरे पिता की डेड बॉडी मुझे दे दे।’परिवार के लोग मिलकर कर लेंगे शादी, आप घर में रहकर देना आशीर्वाद’…कोरोना काल में लोग कर रहे अपीलCorona Second Wave Peak: IIT के वैज्ञानिकों ने बताया, कोरोना की दूसरी लहर का पीक कब तक आएगा? .