बुलंदशहरयूपी के बुलंदशहर स्थित अस्पतालों में मरीजों को न बेड मिल पा रहा है और न ही ऑक्सिजन मिल रही है। ताजा मामला मंगलवार सुबह का है। जिला अस्पताल के बाहर घंटों महिला बैठी रही, लेकिन उसे उपचार नहीं मिल पाया। अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने कोरोना की रिपोर्ट आने के बाद इलाज देने की बात कही। जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह एक महिला अपनी बेटी के साथ जिला अस्पताल के बाहर पहुंची। आरोप है कि मौजूद कर्मचारियों ने कोरोना जांच के बगैर अस्पताल में एंट्री नहीं दी। रिपोर्ट आने के बाद ही दवाई मिलने की बात कही गई। महिला कई घंटे तक अपनी बेटी को गोद में सिर रखकर अस्पताल के बाहर बैठी रही। सवाल यह भी खड़ा होता है कि अगर रिपोर्ट तीन दिन तक नहीं मिलती है तो ऐसे में मरीज की जान जा सकती है। पीड़िता के पति रफीक ने बताया कि तबीयत खराब होने पर सरकारी अस्पताल लाए थे। हालत खराब होने के बाद भी कोरोना की रिपोर्ट आने तक उपचार नहीं दिया गया, जिसके बाद महिला की हालत और बिगड़ती चली गई। सीएमओ अवधेश सिंह ने बताया कि मीडिया के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जा रही है। एहतियात के तौर पर सभी संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच कराई जाती है, जिसके बाद दवाई दी जाती है।
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