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मुरादाबाद में सिपाही ने दिखाई इंसानियत, अर्थी को दिया कंधा

सजारुल हुसैन, मुरादाबादकिसी भी व्यक्ति की मौत के बाद उसकी अंतिम यात्रा श्मशान घाट तक चार लोगों के कंधों पर जाती है, लेकिन मुरादाबाद के मुगलपुरा क्षेत्र के लालबाग स्थित दसवां श्मशान घाट तक पहुंचने के लिए एक व्यक्ति की अर्थी को चार कंधा तक नसीब नहीं हुआ। व्यक्ति का शव सड़क के किनारे नाले के पास पड़ा था। उसकी अर्थी को कंधा देने के लिए चौथे व्यक्ति का इंतजार किया जा रहा था। लोग शव से दूर खड़े होकर केवल तमाशा देख रहे थे। कोरोना के डर से कोई भी व्यक्ति आगे आकर शव को कंधा देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। इसी बीच इस बात की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एक सिपाही ने मानवता का परिचय देते हुए आगे आकर उस मृत व्यक्ति की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाया।सड़क किनारे नाले के पास शव पड़े होने की सूचना पर लालबाग चौकी इंचार्ज और सिपाही अरुण सिंह जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि चारों तरफ भीड़ लगी हुई है। एक व्यक्ति शव के पास फोन पर बात कर रहा है। पूछने पर पता चला कि शव के साथ उनके दो बेटे और एक भाई है। श्मशान तक अर्थी ले जाने के लिए कोई चौथा व्यक्ति नहीं मिल रहा, जो कंधा दे सके। सिपाही अरुण सिंह तेज आवाज में चीख कर भीड़ से पूछा कि है कोई इंसानियत का बंदा, जो इस अर्थी को कंधा दे सके, लेकिन भीड़ में से कोई भी व्यक्ति आगे नहीं आया।शव मुरादाबाद के डिप्टीगंज के रहने वाले राकेश का था। वह ट्रेलर का काम करता था। कुछ दिन पहले तबीयत खराब होने की वजह से एक निजी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहा था, लेकिन अचानक हालात बिगड़ गई और डॉक्टर ने इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए कहा। राकेश को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। राकेश के दो बेटे और एक भाई है। जिला अस्पताल की लापरवाही आई सामनेजिला अस्पताल में इलाज के दौरान राकेश की मौत हो गई। मृतक राकेश की कोरोना जांच का सैंपल भी लिया गया था, लेकिन कोरोना की रिपोर्ट आने से पहले ही उसकी मौत हो गई। अस्पताल वालों ने उसके शव को घर के ही एक चादर में लपेट कर ऐंबुलेंस में रखवा दिया। उसके हाथ से कैनुला तक नहीं निकाला गया था। कोरोना रिपोर्ट आने से पहले ही राकेश के शव को परिजनों को सौंप दिया, अगर उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसकी अर्थी को कंधा देने वाले तीनों परिजन और सिपाही तब तक न जाने कितने लोगों के संपर्क में आ चुके होंगे, लेकिन इस पूरे मामले में मृतक के परिजन और पुलिस कर्मी कुछ भी कहने से बचते नजर आए।