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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने कोविड-19 के मद्देनजर मई में प्रस्तावित दो प्रमुख परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। इनमें प्रधानाचार्य श्रेणी-2/उप प्रधानाचार्य/सहायक निदेशक (स्क्रीनिंग) परीक्षा-2019 और सम्मिलित राज्य कृषि सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2020 शामिल हैं। यूपीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार मिश्र के अनुसार स्थगित की गईं दोनों परीक्षाओं की अग्रिम तिथि की सूचना बाद में दी जाएगी।प्रधानाचार्य श्रेणी-2/उप प्रधानाचार्य/सहायक निदेशक (स्क्रीनिंग) परीक्षा-2019 आयोग के कैलेंडर में 23 मई को प्रस्तावित थी, जबकि सम्मिलित राज्य कृषि सेवा-2020 की प्रारंभिक परीक्षा 30 मई को प्रस्तावित थी। राज्य कृषि सेवा के तहत 564 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पिछले साल 29 दिसंबर से शुरू हुई थी। ऑनलाइन आवेदन सब्मिट करने की अंतिम तिथि 29 जनवरी 2021 और ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा शुल्क बैंक में जमा करने की अंतिम तिथि 25 जनवरी 2021 निर्धारित की गई थी। इन पदों पर भर्ती के लिए तकरीबन 73470 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1462 अभ्यर्थियों के फोटो एवं हस्ताक्षर त्रुटिपूर्ण पाए गए थे, जिन्हें आयोग ने संशोधन का मौका भी दिया था।यह परीक्षा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। अब तक राज्य कृषि सेवा के पदों पर भर्ती पीसीएस परीक्षा के माध्यम से होती थी। पहली बार इन पदों पर भर्ती के लिए अलग से परीक्षा के आयोजन का निर्णय लिया गया और इसके लिए आयोग ने राज्य कृषि सेवा का गठन किया। इसके तहत ग्रुप-ए एवं ग्रुप-बी के सात प्रकार के 564 पदों पर भर्ती होनी है। परीक्षा तीन चरणों में होगी, जिनमें प्रारंभिक एवं मुख्य (लिखित) परीक्षा और इंटरव्यू शामिल है। हालांकि इंटरव्यू केवल ग्रुप-ए के दो प्रकार के पदों पर चयन के लिए होना है, जबकि ग्रुप-बी के पांच अन्य प्रकार के पदों पर चयन सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर होना।
पीसीएस परीक्षा भी स्थगित करने की मांग
प्रतियोगी छात्रों ने कोविड-19 के मद्देनजर पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा भी स्थगित करने की मांग की है, जो आयोग के कैलेंडर 13 जून को प्रस्तावित है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि इस परीक्षा के लिए तकरीबन सात लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। तमाम अभ्यर्थियों को अपने घरों से डेढ़-डेढ़ सौ किलोमीटर दूर का सफर तय कर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचना होगा और ऐसे में उन पर संक्रमण का खतरा मंडराता रहेगा। इन परस्थितियों में आयोग को अभ्यर्थियों के हितों का ध्यान रखते हुए परीक्षा स्थगित कर देनी चाहिए।
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने कोविड-19 के मद्देनजर मई में प्रस्तावित दो प्रमुख परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। इनमें प्रधानाचार्य श्रेणी-2/उप प्रधानाचार्य/सहायक निदेशक (स्क्रीनिंग) परीक्षा-2019 और सम्मिलित राज्य कृषि सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2020 शामिल हैं। यूपीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार मिश्र के अनुसार स्थगित की गईं दोनों परीक्षाओं की अग्रिम तिथि की सूचना बाद में दी जाएगी।
प्रधानाचार्य श्रेणी-2/उप प्रधानाचार्य/सहायक निदेशक (स्क्रीनिंग) परीक्षा-2019 आयोग के कैलेंडर में 23 मई को प्रस्तावित थी, जबकि सम्मिलित राज्य कृषि सेवा-2020 की प्रारंभिक परीक्षा 30 मई को प्रस्तावित थी। राज्य कृषि सेवा के तहत 564 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पिछले साल 29 दिसंबर से शुरू हुई थी। ऑनलाइन आवेदन सब्मिट करने की अंतिम तिथि 29 जनवरी 2021 और ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा शुल्क बैंक में जमा करने की अंतिम तिथि 25 जनवरी 2021 निर्धारित की गई थी। इन पदों पर भर्ती के लिए तकरीबन 73470 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1462 अभ्यर्थियों के फोटो एवं हस्ताक्षर त्रुटिपूर्ण पाए गए थे, जिन्हें आयोग ने संशोधन का मौका भी दिया था।
यह परीक्षा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। अब तक राज्य कृषि सेवा के पदों पर भर्ती पीसीएस परीक्षा के माध्यम से होती थी। पहली बार इन पदों पर भर्ती के लिए अलग से परीक्षा के आयोजन का निर्णय लिया गया और इसके लिए आयोग ने राज्य कृषि सेवा का गठन किया। इसके तहत ग्रुप-ए एवं ग्रुप-बी के सात प्रकार के 564 पदों पर भर्ती होनी है। परीक्षा तीन चरणों में होगी, जिनमें प्रारंभिक एवं मुख्य (लिखित) परीक्षा और इंटरव्यू शामिल है। हालांकि इंटरव्यू केवल ग्रुप-ए के दो प्रकार के पदों पर चयन के लिए होना है, जबकि ग्रुप-बी के पांच अन्य प्रकार के पदों पर चयन सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर होना।
पीसीएस परीक्षा भी स्थगित करने की मांग
प्रतियोगी छात्रों ने कोविड-19 के मद्देनजर पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा भी स्थगित करने की मांग की है, जो आयोग के कैलेंडर 13 जून को प्रस्तावित है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि इस परीक्षा के लिए तकरीबन सात लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। तमाम अभ्यर्थियों को अपने घरों से डेढ़-डेढ़ सौ किलोमीटर दूर का सफर तय कर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचना होगा और ऐसे में उन पर संक्रमण का खतरा मंडराता रहेगा। इन परस्थितियों में आयोग को अभ्यर्थियों के हितों का ध्यान रखते हुए परीक्षा स्थगित कर देनी चाहिए।
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