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गोंडा: इलाज के नाम पर जमा कराए 3 लाख… फिर भी 1.65 लाख देने के बाद शव ले जाने को कहा

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विशाल सिंह, गोंडासंवेदनहीनता की पराकाष्ठा और हैवानियत करने वाली खबर यूपी के गोंडा से सामने आ रही हैं। जहां निजी नर्सिंग होम को कोविड अस्पताल बनाया गया है, लेकिन यहां कोरोना से होने वाली मौत पर शव को सौंपने के लिए उसका सौदा किया जा रहा है।कहा-पूरा बिल चुकाने के बाद ही दिया जाएगा शवयोगी सरकार जहां एक तरफ कोविड मरीजों को हर संभव सुविधा देने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है तो वहीं सरकार की ओर से निजी अस्पातलों को बनाए गए कोविड अस्पतालों में मनमानी रुकने नाम नहीं ले रही है। हाल यह है कि कोरोना से हुई मौत के बाद निजी अस्पातल के संचालक ने रुपयों के खतिर परिजनों को शव देने से मना कर दिया। मुख्यालय के एससीपीएम अस्पातल से मानवता को शार्मसार कर देने वाली ये तस्वीर सामने आई है। जहां पर कोरोना से हुई मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने 1.65 लाख का भुगतान किए जाने के बाद ही शव दिए जाने की बात कही। गैर जिम्मेदाराना बयान आया सामनेविकास खंड कटरा बाजार के चौहान पुरवा निवासी रोहित सिंह का आरोप है कि गत 19 अप्रैल को उन्होंने अपने भाई संतोष सिंह को कोरोना से पीड़ित होने के बाद एससीपीएम हॉस्पिटल के कोविड अस्पताल में भार्ती कराया गया, जहां पर 11 दिनों तक इलाज चलने के बाद गुरुवार देर रात उनके भाई की मौत हो गई। इस दौरान अस्पातल प्रशासन ने दवा, जांच और इलाज के नाम पर करीब 3 लाख रुपये जमा करा लिए। मृतक के भाई ने कहा कि अब मेरा भाई भी चला गया। मुझे फिर एक लाख 65 हजार का बिल दिया गया है। कहा जा रहा है कि पैसे जमा कर दो, तभी शव मिलेगा। इस संबंध में जब एससीपीएम अस्पातल के मैनेजर अभीताज दुबे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बिल बकाया होगा, तभी स्टाफ ने पैसे की मांग की गई है। फिलहाल, हम मामले को दिखा रहे हैं। वहीं, संवेदनहीनता की पराकाष्ठा और हैवानियत की हद पार करने वाले इस मामले में जिले के सीएमओ से बात की गई हो तो उन्होंने मामले का संज्ञान में न होना बताते हुए कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी।गोंडा: इलाज के नाम पर जमा कराए 3 लाख… फिर भी 1.65 लाख देने के बाद शव ले जाने को कहा