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Ghaziabad News: ऑक्सिजन नहीं मिली तो बेटी को विदा कर दुनिया से अलविदा कह गए पापा, जयमाल के बाद चली गई जान

हाइलाइट्स:गाजियाबाद में बेटी की शादी के दौरान ही पिता की मौत कोरोना पीड़ित को ना बेड मिला, ना ऑक्सिजन नसीब आंखों के सामने बेटी-दामाद की शादी की जताई इच्छा गाजियाबाद हर कहानी से पहले चंद पंक्तियां होती हैं कि इस कहानी की सभी घटनाएं और पात्र काल्पनिक हैं। इनका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है। …लेकिन अफसोस कि पापा-बेटी की इस कहानी में सभी घटनाएं और पात्र वास्तविक हैं। यह कहानी है शिप्रा सनसिटी सोसायटी में रहने वाले राजकुमार की। कोरोना से जूझ रहे राजकुमार को किसी अस्पताल में बेड नहीं मिला। ऑक्सिजन सिलिंडर की व्यवस्था भी नहीं हुई और अंतत: राजकुमार इस दुनिया से चले गए। दो दिन पहले राजकुमार की बेटी पारुल की शादी थी। विवाह की तैयारियों में भागदौड़ कर रहा परिवार राजकुमार को बचाने के लिए भागदौड़ करने लगा। कहीं इलाज नहीं मिला तो राजकुमार को सोसायटी के कोरोना इमरजेंसी सेवा केंद्र लाया गया। यहां उन्हें ऑक्सिजन कंसंट्रेटर की मदद से राहत पहुंचाने की कोशिश की गई, लेकिन राजकुमार शायद जान गए थे कि उनकी जान नहीं बचेगी। उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा बताई कि बेटी की शादी आंखों के सामने चाहते हैं। वॉर्ड-100 के पार्षद संजय सिंह बताते हैं कि इस बारे में पता चलने पर सोसायटी की एओए के साथ कोरोना इमरजेंसी केंद्र में ही सादगी से विवाह की व्यवस्था की गई। सोसायटी के मंदिर के पुजारी को बुलाया गया और यहां राजकुमार के सामने उनकी बेटी-दामाद की जयमाल की रस्म हुई। इसके बाद बेटी-दामाद को आशीर्वाद देकर राजकुमार ने आखिरी सांस ली।डॉक्टर के साथ पुजारी की व्यवस्था की पार्षद संजय सिंह ने बताया कि सोसायटी में रहने वाले राजकुमार के परिवार में बेटा-बेटी और पत्नी हैं। काफी समय पहले उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थीं। उनकी पत्नी ने एक किडनी देकर ट्रांसप्लांट कराया था। इसके बाद भी राजकुमार की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था। महीने भर पहले ही विजय नगर निवासी युवक से बेटी की शादी तय की थी। 29 अप्रैल की रात में मेहंदी की रस्म थी कि राजकुमार की हालत ज्यादा खराब हो गई। उनका ऑक्सिजन लेवल गिर गया। परिवार के लोग रातभर अस्पताल में में बेड पाने के लिए भटकते रहे। बाद में सोसायटी में ऑक्सिजन कंसंट्रेटर से उन्हें राहत देने की कोशिश हुई। परिवार के साथ सोसायटी की एओए टीम के साथ वह रातभर यहीं रहे। डॉक्टर और टेक्निशियन की भी व्यवस्था की गई। राजकुमार की अंतिम इच्छा सुनकर वर पक्ष से बातचीत कर लड़के और उनके अभिभावकों को कंसंट्रेटर कक्ष में बुलाया। सोसायटी के मंदिर से पुजारी जयमाल लेकर पहुंचे और मंत्रोच्चारण के साथ विवाह हुआ। जयमाल होते ही मूंद ली आंखें