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बंगाल में असम की ओर पलायन कर रहे हैं हिंदू

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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद राज्य में
राजनीतिक हिंसा का एक अलग ही स्वरूप देखने को मिला है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं से लेकर समर्थकों तक के साथ टीएमसी के गुंडे
खूनी खेल खेल रहे हैं। बीजेपी इस स्थिति में केवल विरोध कर रही है,
लेकिन इसका नतीजा शून्य ही है, जिसके चलते अब राज्य के
हिंदुओं को असम की ओर पलायन करना पड़ रहा है।
राज्य की मुख्यमंत्री जिस वक्त अपने तीसरे कार्यकाल की शपथ ले
रही थीं, तो उस दौरान हिंदू असम की ओर कूच कर रहे थे, जो कि
ममता बनर्जी की संवेदनशीलता और बदले की राजनीति को
दर्शाता है। इसको लेकर असम के बीजेपी नेता हेमंता बिस्वा सरमा
ने ममता बनर्जी पर हमला बोला है।

बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी की जीत के बाद ममता बनर्जी की टीस
इतनी ज्यादा हो गई है कि टीएमसी के कार्यकर्ता बीजेपी के नेताओं
और कार्यकर्ताओं के साथ हिंसा करने लगे है। पिछले तीन दिनों में
वहां दस से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या हो‌ चुकी है। वहीं केंद्र
की बीजेपी सरकार इन कार्यकर्ताओं की मौत पर विरोध का दिखावा
तो कर रही है लेकिन पार्टी की राजनीतिक मंशाएं स्पष्ट हैं। ऐसी
परिस्थिति की बीच अब कार्यकर्ता और बंगाल के हिंदू समुदाय के
लोग डर के मारे पड़ोसी राज्य असम की ओर  पलायन करने लगे हैं।
असम के मंत्री और बीजेपी नेता हेमंता बिस्वा सरमा ने ममता
बनर्जी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “एक दुखद घटनाक्रम में
300-400 बीजेपी बंगाल कार्यकर्ता और परिवार के सदस्य असम के धुबरी में आकर रुके हैं। उन लोगों ने बंगाल में
अत्याचार और हिंसा का सामना करने के बाद बॉर्डर पार किया है।”
पलायन कर असम पहुंचे लोगों के संबंध में उन्होंने कहा, “असम सरकार ने
बंगाल से पलायन कर यहां आ रहे लोगों के लिए शेल्टर होम और खाने-पीने की व्यवस्था की है। ये बंगाल की
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लोकतंत्र का घिनौना नाच है और उन्हें इसे बंद करना चाहिए।”
बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि नतीजों के बाद
लगातार कई बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। वहीं राष्ट्रीय

मानवाधिकार आयोग ने भी बंगाल प्रशासन को भी लताड़ा है।
आयोग ने कहा, “राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच कथित तौर पर झड़पें हुई, पार्टी के कार्यालयों में
आगजनी की गई और कई मकानों में तोड़फोड़ के साथ ही लूटपाट की गई। ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन और
कानून लागू करने वाली स्थानीय एजेंसियों ने प्रभावित लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए
कार्रवाई नहीं की।”
और पढ़ें-  लूटपाट, हिंसा, घरों में तोड़-फोड़, पश्चिम बंगाल में ममता सरकार अपने पुराने रिकार्ड्स तोड़ रही है
बंगाल में चुनाव के बाद की ये हिंसा का तांडव ममता दीदी की
संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करता है कि अब बंगाल में हिन्दू
अपने जीवन जीने के मौलिक अधिकार को भी खो चुका है, इसीलिए
अब ये हिन्दू पलायन कर असम की तरफ कुच कर रहे हैं।