Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

कहीं कोरोना के आंकड़ों में तो नहीं किया जा रहा खेल… बरेली में सैंपल देने के बाद कई-कई दिनों तक नहीं आ रही रिपोर्ट

बरेलीकोरोना संक्रमण के आंकड़े छुपाने का खेल बरेली में स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए जाने का मामला सामने आ रहा है। सैम्पल देकर लोग कई-कई दिन तक बेसब्री से जांच रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन लोगों को रिपोर्ट नहीं पता चल रही है। कई मामलों में तो सप्ताह भर बाद स्वास्थ्य विभाग से फोन आता है कि आप संक्रमित हैं। तबीयत कैसी है। होम क्वारन्टीन हैं क्या? बिना रिपोर्ट संक्रमित होने की जानकारी पर ऐसे लोग अवाक रह जाते हैं।ऐसे किया जा रहा है खेलबरेली जिले में हर दिन लगभग पांच हजार लोगों का सैम्पल लिया जा रहा है, लेकिन एक दिन में आधे लोगों की जांच रिपोर्ट भी नहीं जारी की जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि जो आधी जांच रिपोर्ट्स जारी की जाती हैं, उनमें सात सौ से आठ सौ लोग संक्रमित पाए जाते हैं। ऐसे में जाहिर है कि बाकी आधे लोगों की रिपोर्ट भी यदि समय रहते जारी की जाए तो संक्रमितों का आंकड़ा रोजाना दोगुना यानी डेढ़ हजार तक पहुंच सकता है, लेकिन किया यह जाता है कि जिनकी रिपोर्ट रोक ली जाती है, उनका डेटा छुपा लिया जा रहा है। उसे समय रहते पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा रहा।रिपोर्ट के इंतजार में फंसे रहते हैं लोगजैसे ही किसी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं, वह कोरोना जांच को सैम्पल देने पहंच जाता है, लेकिन रिपोर्ट जानने के लिए वह कई-कई दिन तक पोर्टल देखता रहता है। नतीजतन, यह जान ही नहीं पाता कि वह संक्रमित है या नेगेटिव, नतीज़न व्यक्ति फंसा रहता है। संशय में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन भी नहीं हो पाता। ऐसे में जब व्यक्ति संक्रमित होता है तो रिपोर्ट न मिल पाने पर समय से इलाज न मिलने के कारण उसकी तबीयत भी बिगड़ जाती है। ऐसे में रिपोर्ट की देरी से मृत्यु दर में भी इजाफा हो रहा है।कई मामले सामने आएफरीदपुर क्षेत्र से विपुल राज ने सैम्पल दिया, लेकिन उनकी जांच रिपोर्ट एक साप्ताह बाद भी नहीं आ सकी है। वह इंतजार कर रहे हैं, इस आशंका से कि कहीं संक्रमित न हों। गणेशनगर निवासी शैलेन्द्र कुमार की माता के सैम्पल की रिपोर्ट आने में एक सप्ताह का समय लग गया, तब तक उनकी माता की मृत्यु हो गई।ग्रामीण क्षेत्र में सैम्पल की रिपोर्ट में बेहद देरीजिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना सैम्पल लेने का भी बंदोबस्त किया गया है, लेकिन उनके सैम्पल जिला मुख्यालय की लैब में भिजवाने में ही कई कई दिन लगा दिए जा रहे हैं। ऐसे में जांच रिपोर्ट आने में शहर की अपेक्षा और ज्यादा वक्त लग रहा है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसर यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करते हैं कि किसी भी व्यक्ति को सैम्पल देने के बाद खुद को एहतियात के तौर पर क्वारन्टीन कर लेना चाहिए, लेकिन सवाल है कि कब तक? वहीं, सीएमओ का कहना है कि लैब और सैम्पलिंग की जांच रिपोर्ट का डाटा अपलोड करने वाले कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं, इस वजह से जांच और रिपोर्ट का अपडेशन प्रभावित हुआ है, लेकिन अब इंतजाम कर दिया गया है।