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Kanpur News: चूड़ी-बिंदी बेचने के बहाने करते थे भैंसों की रेकी… यूं धरे गए कानपुर के भैंस-चोर

सुमित शर्मा, कानपुरकानपुर पुलिस ने भैंस चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, इनके पास से तीन कीमती भैंस बरामद हुई है। चोरों का यह गिराहे अपने खास अंदाज में चोरी करने के लिए जाना जाता था। इस गिरोह के सदस्य ग्रामीण इलाकों में चूड़ी-बिंदी बेचने के बहाने कीमती भैंस की रेकी करते थे। इसके बाद मौका देखकर देररात साथियों के साथ मिलकर भैंस को चोरी की घटना को अंजाम देते थे। रविवार सुबह तड़के चोरों का गिरोह एक भैंस चोरी कर ले जा रहा था। गश्त के दौरान पनकी पुलिस ने गिरोह के 6 सदस्यों को दबोच लिया। वहीं अंधेरे का फायदा उठाते अफसर अली नाम का चोर भागने में कामयाब हो गया। पुलिस ने चोरों की निशानदेही पर दो और कीमती भैंस को बरामद किया है। पुलिस ने नूर मोहम्मद, रहीश खान, नीरी, वसीम, फिरोज, दिलशाद को अरेस्ट किया है। आधा दर्जन से अधिक जिलों में सक्रिय था चोरों का गिरोहपुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एक संगठित गिरोह बनाकर भैंस के साथ ही अन्य मवेशियों को चोरी करने का काम करते थे। गिरोह के सदस्य इस काम को बीते 10 साल से अंजाम दे रहे है। चोरी करने के लिए इस गिरोह के सदस्य कानपुर, कानपुर देहात, फिरोजाबाद, इटावा, औरेया, उन्नाव समेत आसपास के जनपदों में जाते थे। चूड़ी-बिंदी बेचने के बहाने करते थे रेकीचोरो ने बताया कि गिरोह के सदस्य ग्रामीण इलाकों में चूड़ी, बिंदी, कंगन बेचने के बहाने कीमती भैंस की रेकी करते थे। जिस भैंस को चोरी करना होता था, उसे चिन्हित कर लेते थे। इसके बाद सभी लोग मिलकर मौका देखकर देररात को भैंस को चोरी कर लेते थे। चोरी की गई भैंस को निर्माणाधीन गोपाल वेयर हाउस में दो से तीन दिनों के लिए छिपा देते थे। इसके बाद मौका देखकर उन्नाव स्लाटर हाउस में बेच देते थे। यदि कीमती भैंस का खरीददार दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्र का मिल गया, तो उन्हे बेच देते थे। बेचने के दौरान जो भी पैसा मिलता था, उसे अपस में बांट लेते थे। जिससे हमारे परिवार का जीवन यापन होता था।