कानपुरकोरोना संक्रमण के बीच कानपुर में ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दे दी है। ब्लैक फंगस का यदि समय पर इलाज कराया जाए तो जान बचाई जा सकती है। कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होकर घर लौटे मरीजों पर ब्लैक फंगस अटैक कर रहा है। ब्लैक फंगस के शिकार मरीजों के नाक से बदबूदार पानी आने लगता है। इसके बाद जब संक्रमण फैल जाता है तो नाक से खून आने लगता है। इसके साथ ही आंखों में सूजन आ जाती है। ब्लैक फंगस के पेशेंट इसके शुरुआती लक्षण को समझ नहीं पा रहे हैं।कानपुर में ब्लैक फंगस के शिकार पेशेंट विशेषज्ञों के पास पहुंच रहे हैं। शहर में 50 से ज्यादा ब्लैक फंगस के पेशेंट सामने आए हैं। डायबिटीज के पेशेंट पर ब्लैक फंगस सबसे तेज अटैक करता है। इसके शिकार सबसे अधिक डायबिटीज के पेशेंट हैं। आंखों में सूजन के दौरान कई पेशेंट की रोशनी पर भी प्रभाव पड़ा है।ब्लैक फंगस के ये हैं शुरुआती लक्षणब्लैक फंगस के जितने भी पेशेंट सामने आए हैं। सभी कोरोना पॉजिटिव रह चुके हैं। कोरोना का इलाज करा कर घर लौटे लोगों पर ब्लैक फंगस ने अटैक किया है। कोरोना के इलाज के दौरान सभी मरीजों को हाई पॉवर स्टेराइड दिया गया था। फिर भी मरीजों की नाक और आंख में दिक्कत हो रही है।विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लैक फंगस वैसे तो साधारण संक्रमण है। यह संक्रमण हवा में रहता है, हवा के माध्यम से मुंह और नाक में आता है। इस दौरान यदि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हुई तो तेजी से फैलता है। शुरुआती लक्षणों में नाक से बदबूदार पानी आता है। फिर नाक से खून आने लगता है। सही समय पर इजाल कराने से जान बचाई जा सकती है।
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