गाजीपुरउत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की सीमा में पिछले दिनों अलग-अलग घाटों पर गंगा में जल प्रवाहित किए गए शवों के मिलने से हड़कंप मच गया था। कुछ लोग इसकी वजह लकड़ी की कीमतों में बेतहाशा इजाफा बात रहे थे, तो कुछ का मानना था कि आर्थिक अभाव में बहुत लोग शवों को जल में प्रवाहित कर रहे हैं। इन चीजों को देखते हुए जिला प्रशासन ने एनजीओ और आम लोगों के सहयोग से लकड़ी बैंक की शुरुवात की है। इस बैंक से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अंतिम संस्कार के लिए मुफ्त लकड़ी मिल पाएगी।जानकारी के मुताबिक, गंगा में बहते शव जिला प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गए थे। अंतिम संस्कार के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली लकड़ियों को मनमाने रेट पर बेचे जाने की शिकायतें लगातार जिला प्रशासन को मिल रही थीं। इसका संज्ञान लेते हुए लकड़ियों का रेट 650 रुपये कुंतल तय कर दिया गया था। इस बीच जिला प्रशासन ने कुछ संस्थाओं के साथ मिलकर लकड़ी बैंक बनाने की योजना बनाई। एक ऐसा बैंक जहां पैसा नहीं बल्कि जलावनी लकड़ियों का लेनदेन होगा। जो भी व्यक्ति चाहे अपनी मर्जी से इस बैंक में लकड़ी दान दे सकता है। दान में मिली लकड़ी को जरूरतमंदों को निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। इस बैंक की औपचारिक शुरुआत बैकुंठ धाम पर की गई।बड़ी संख्या में लड़की दान कर रहे लोगइस योजना से जुड़े एक एनजीओ के प्रतिनिधियों का दावा है कि बैंक में लकड़ी दान करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अब तक कई लोगों ने लकड़ी बैंक योजना का स्वागत करते हुए आगे आकर लकड़ी दान देने का प्रस्ताव दिया है। इस योजना में शामिल एनजीओ यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन के संजय राय ने बताया कि अभी तक इस अभियान को दान में 3600 क्विंटल लकड़ी दान में देने का लोगों ने प्रस्ताव दिया है। जिला प्रशासन ने पहले ही घाटों पर निगरानी के लिए जगह-जगह पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मियों की तैनाती कर दी है। मोटरबोट और नावों से शवों को जल में प्रवाहित करने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
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