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यूपीपीएससी के नए अध्यक्ष आज करेंगे ज्वाइन; कोविड के दौर में परीक्षाओं को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीनेत 18 मई को कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। हालांकि प्रदेश सरकार ने 18 अप्रैल को ही उन्हें इस पद पर नियुक्त कर दिया था, लेकिन औपचारिकताएं पूरी होने में तकरीबन एक माह का वक्त लग गया। आयोग के सचिव जगदीश के अनुसार नए अध्यक्ष मंगलवार सुबह ज्वाइन करेंगे।अभ्यर्थियों को आयोग के नए अध्यक्ष से काफी उम्मीदें है और इसके लिए उन्होंने अपनी मांगों की लंबी फेहरिस्त भी तैयार कर रखी है। संजय श्रीनेत ने एएन झा हॉस्टल में रहकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की थी। ऐसे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय और डेलीगेसी के छात्रों को नए अध्यक्ष से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि नए अध्यक्ष ऐसे वक्त में ज्वाइन करने जा रहे हैं, जब कोविड महामारी ने पांव पसार रखे हैं और इस दौर में भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कराना आयोग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
नए अध्यक्ष के ज्वाइन करने से पहले ही आयोग आधा दर्जर बड़ी भर्ती परीक्षाओं को स्थगित कर चुका है, जिनमें पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा भी शामिल है। नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती आयोग की परीक्षाओं को पटरी पर लाना होगा। भर्ती परीक्षाओं के आयोजन के अलावा अन्य मुद्दे भी अध्यक्ष के सामने होंगे। प्रतियोगियों ने तय किया है कि नए अध्यक्ष के समक्ष स्केलिंग का मुद्दा उठाया जाएगा। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि स्केलिंग न होने के कारण प्रयागराज समेत पूर्वी यूपी में रहने वाले हिंदी पट्टी के छात्रों को काफी नुकसान हुआ है। अध्यक्ष से मांग की जाएगी कि स्केलिंग की व्यवस्था पुन: लागू हो। इसके साथ ही सभी भर्ती परीक्षाओं की वेटिंग लिस्ट जारी किए जाने, केवल उत्तर प्रदेश की महिलाओं को महिला आरक्षण का लाभ दिए जाने, हिंदी माध्यम की कॉपियों को मूल्यांकन केवल हिंदी के विशेषज्ञों और अंग्रेजी माध्यम की कॉपियों का मूल्यांकन केवल अंग्रेजी के विशेषज्ञों से कराने की मांग की जाएगी। इसके अलावा भर्ती परीक्षाओं सीबीआई जांच में सहयोग की मांग की जाएगी।