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उन्नाव में दो दुस्साहसिक घटनाएं… पूर्व प्रधान ने वर्तमान प्रधान को मारी गोली… थाने आ रहे युवक का स्कार्पियो सवारों ने किया अपहरण, मौत के घाट उतारा

उन्नावउत्तर प्रदेश के उन्नाव में चुनावी रंजिश को लेकर बड़ी-बड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं। रविवार रात पूर्व प्रधान की ओर से की गई फायरिंग में नवनिर्वाचित प्रधान और उनका रिश्तेदार गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। वहीं एक अन्य घटना में पुलिस द्वारा बुलाए जाने पर मेडिकल कराने पहुंचे युवक का स्कॉर्पियो सवार ने अपहरण कर लाठी-सरिया से जमकर पिटाई कर दी। पुलिस युवक स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गई। रेफर होकर जिला अस्पताल पहुंचे घायल को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।मौरावा थाना क्षेत्र की घटनापहली घटना मौरावां थाना क्षेत्र के दरेहटा गांव की है। नवनिर्वाचित प्रधान अवधेश चौरसिया अपने रिश्तेदार अंकित के साथ रविवार देर रात घर आए थे। कार से उतरते समय गांव के ही लोगों ने फायरिंग कर दी। गोली लगने से अवधेश और अंकित गिर पड़े। गोली की आवाज सुनकर मौके पर ग्रामीण और घरवाले दौड़े, जिसे देखकर हमलावर मौके से फरार हो गए। दोनों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां से डॉक्टरों ने लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। रात में ही एएसपी शशि शेखर सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधान वेद प्रकाश ने मामूली विवाद को लेकर वर्तमान प्रधान पर गोली चला दी। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। थानाध्यक्ष मौरावां ने बताया कि नामजद 6 अभियुक्तों में से दो को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।दूसरी घटना बिहार थाना क्षेत्र कीएक अन्य दुस्साहस घटना बिहार थाना क्षेत्र के मधुकरपुर चैनपुर से सामने आई। लखनऊ निवासी राहुल (35) पुत्र वीरेंद्र प्रताप सिंह बिहार थाना पुलिस द्वारा मेडिकल के लिए बुलाए जाने पर थाना जा रहा था। रास्ते में स्कॉर्पियो सवार ने उसका अपहरण कर लिया। लाठी, सरियों से उसकी जमकर पिटाई की और स्वयं ही स्कॉर्पियो में लेकर थाना पहुंच गए। पुलिस ने राहुल की गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल सीएचसी ले गए। जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इकलौते बेटे की मौत के बाद घर में कोहराम मच गया। पिता ने बताया जिस डर से गांव छोड़ कर आए थे। आज वही हो गया।लंबे समय से चल रही है रंजिशघटना की जानकारी देते हुए सीओ बीघापुर कृपाशंकर कनौजिया ने बताया कि दोनों परिवारों के बीच 1996 से दुश्मनी चली आ रही है। दोनों पक्षों से कई मुकदमे दर्ज हुए। रंजिश को देखते हुए वीरेंद्र प्रताप सिंह का परिवार गांव छोड़कर लखनऊ में रहने लगा। विगत 26 अप्रैल को राहुल सिंह गांव में वोट डालने आया था। मतदान केंद्र के बाहर दोनों पक्षों में तू-तू मैं-मैं हुई। रामनरेश की तरफ से शिकायती पत्र पर एनसीआर दर्ज किया गया था। दूसरी तरफ विगत 7 मई को वीरेंद्र प्रताप सिंह ने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर उचित कार्रवाई की मांग की। बिहार थाना पुलिस ने वीरेंद्र प्रताप सिंह की तहरीर पर एनसीआर दर्ज कर राहुल को मेडिकल के लिए बुला रही थी।मेडिकल के लिए जाना बन गया कालवीरेंद्र प्रताप सिंह की तहरीर के आधार पर सीओ ने बताया कि राहुल मेडिकल के लिए आ रहा था। जिसका रास्ते से अपहरण कर मार डाला गया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने रामनरेश और उसके पुत्र प्रभाकर, सुधीर, सुधाकर, रत्नाकर, पुत्री शिवानी और रिश्तेदार अंकित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सुधाकर सिंह को छोड़कर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीओ ने बताया कि पूछताछ के दौरान ग्रामीणों में रामनरेश और उसके परिवार वालों का खौफ दिखा। कोई भी दबंगों खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नहीं था। आर्थिक रूप से भी काफी मजबूत परिवार है। काफी समझाने और प्रयासों के बाद घटनाक्रम की जानकारी मिली।

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