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यूपी बोर्ड का फर्जी कार्यक्रम जारी करने वालों के लिए दर्ज होगी एफआईआर

उप मुख्यमंत्री की ओर से 20 मई तक हाईस्कूल, इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा पर किसी प्रकार के निर्णय लेने की घोषणा के अगले दिन ही जालसाजों ने फर्जी परीक्षा कार्यक्रम सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप पर बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम जारी होने के बाद यूपी बोर्ड के सचिव ने विज्ञप्ति जारी करके स्पष्ट किया कि उनकी ओर से किसी प्रकार का परीक्षा कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है। यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से सोशल मीडिया पर जारी परीक्षा कार्यक्रम को पूरी तरह से खारिज कर दिए जाने के बाद कहा गया कि फर्जी सूचना वायरल करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। इससे पहले यूपी बोर्ड की ओर से दो बार परीक्षा कार्यक्रम घोषित करने के बाद उसे स्थगित किया जा चुका है। पहली बार पंचायत चुनाव के लिए और दूसरी बार कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद बोर्ड ने परीक्षा स्थगित किया था। इसके बाद से प्रदेश के 56 लाख परीक्षार्थियों को परीक्षा कार्यक्रम का इंतजार है।

उप मुख्यमंत्री की ओर से 20 मई तक हाईस्कूल, इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा पर किसी प्रकार के निर्णय लेने की घोषणा के अगले दिन ही जालसाजों ने फर्जी परीक्षा कार्यक्रम सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप पर बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम जारी होने के बाद यूपी बोर्ड के सचिव ने विज्ञप्ति जारी करके स्पष्ट किया कि उनकी ओर से किसी प्रकार का परीक्षा कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है।

यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से सोशल मीडिया पर जारी परीक्षा कार्यक्रम को पूरी तरह से खारिज कर दिए जाने के बाद कहा गया कि फर्जी सूचना वायरल करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। इससे पहले यूपी बोर्ड की ओर से दो बार परीक्षा कार्यक्रम घोषित करने के बाद उसे स्थगित किया जा चुका है। पहली बार पंचायत चुनाव के लिए और दूसरी बार कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद बोर्ड ने परीक्षा स्थगित किया था। इसके बाद से प्रदेश के 56 लाख परीक्षार्थियों को परीक्षा कार्यक्रम का इंतजार है।