आपदा को अवसर में बदलना कोई बुरी बात नहीं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो आपदा में देश को नीचा दिखाने और समाज को बांटने का कोई अवसर अपने हाथ से जाने नहीं देते। Congress ने जिस प्रकार से वुहान वायरस की दूसरी लहर का दुरुपयोग अपने निकृष्ट एजेंडा को बढ़ावा देने में किया है, वो किसी से नहीं छुपा है, परंतु जिस प्रकार से उन्होंने इस आपदा में सुनियोजित तरह से मोदी सरकार को नीचा दिखाने के नाम पर भारत की छवि बिगाड़ने और सनातन धर्म को अपमानित करने का प्रयास किया है, उसके लिए किसी भी प्रकार की निंदा या अपशब्द कम ही पड़ेंगे।
हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सम्बित पात्रा ने मीडिया को वर्चुअली संबोधित करते हुए Congress की COVID-19 ‘टूलकिट’ का पर्दाफाश किया, जिसमें सुनियोजित तरह से कुम्भ मेले को कोरोना के लिए दोषी ठहराने से लेकर काँग्रेस का महिमामंडन करने तक सब कुछ शामिल था –
Congress के COVID-19 टूलकिट का भंडाफोड़ अब हो चुका है – सम्बित पात्रा
सम्बित के ट्वीट के अनुसार, “आपदा में लोगों को मदद देने के नाम पर कांग्रेस जो नीचता दिखा रही थी, उसका भंडाफोड़ अब हो चुका है। ‘मित्र पत्रकारों’ एवं ‘Influencers’ के जरिए देखिए ये कैसे भारत को भ्रमित करने में लगे हुए थे।”
लेकिन Congress के COVID-19 टूलकिट में ऐसा क्या था, जिसके कारण आज काँग्रेस की पोलपट्टी एक बार फिर सबके सामने खुल चुकी है?
सम्बित पात्रा ने ये भी आरोप लगाया है कि इस टूलकिट के जरिए काँग्रेस कुछ राज्यों के अस्पतालों में जमाखोरी और कब्जे को भी बढ़ावा दे रही थी, ताकि कृत्रिम शॉर्टेज उत्पन्न हो, और भाजपा को घेरा जा सके। इतना ही नहीं, इन बेडस पर कॉंग्रेस को जो टैग करेगा, उसी को मदद मिलेगी, ताकि पार्टी की छवि चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा सके।
स्वयं सम्बित के शब्दों में, “जो भी राहुल गांधी बोलते थे, आज वो डॉक्यूमेंट हमारे हाथ में आया है, जिसके सहारे राहुल गांधी ये सब करते थे। आप देखिए ये लोग क्या क्या यूज करते थे। Missing Amit Shah, Quarantine Jaishankar इत्यादि जैसे शब्दों का प्रयोग, साप्ताहिक पत्रिकाओं में सरकार की छवि को नीचा दिखाने वाले लेख का प्रयोग इत्यादि। ये सब यूं ही नहीं हुआ, ये सब एक सुनियोजित योजना का हिस्सा था, जिसका प्रमुख उद्देश्य था मोदी सरकार को नीचा दिखाने के नाम पर भारत की छवि पर कीचड़ उछालना।”
हालांकि सम्बित ने जो कहा है, उसमें से कुछ भी नया नहीं है, परंतु जिस प्रकार से मोदी सरकार को घेरने के नाम पर काँग्रेस ने एक सुनियोजित ब्लूप्रिंट के अंतर्गत भारत की छवि पर वामपंथी मीडिया के जरिए कीचड़ उछलवाया, कुम्भ मेला को कोरोना के लिए दोषी ठहराने का प्रयास किया, और साथ ही साथ वैक्सीन एवं ऑक्सीजन की किल्लत के लिए भी जानबूझकर मोदी सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया, ये सब इस बात का परिचायक है कि सत्ता को प्राप्त करने के लिए Congress किस हद तक गिर सकती है।
टूलकिट परिचायक है कि सत्ता को प्राप्त करने के लिए काँग्रेस किस हद तक गिर सकती है
तो क्या मोदी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेगी? बिल्कुल नहीं, क्योंकि अपने स्तर पर मोदी सरकार धीरे धीरे ही सही, पर इन प्रोपगैंडावादियों को धोने की दिशा में काम कर रही है। सिर्फ एक मेडिकल ऑडिट की अर्जी से ही केजरीवाल सरकार के ऑक्सीजन पर विलाप की सारी हवा निकल गई, और वह अतिरिक्त ऑक्सीजन तक अन्य राज्यों को देने को तैयार हो गई।
लेकिन सिर्फ इतना काफी है, बल्कि टीकाकरण होने के पश्चात केंद्र सरकार को युद्धस्तर पर देश के विरुद्ध इन प्रोपगैंडावादियों की धुलाई करनी होगी।
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