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योग गुरु आनंद गिरि बोले- मुझ पर परिवार से रिश्ते का आरोप लगाने वाले गुरुजी ने परिवार को बांट दिए करोड़ों

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि पर उनके शिष्य योगगुरु स्वामी आनंद गिरि की ओर से लगाए जा रहे आरोपों की झड़ी टूटने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को स्वामी आनंद गिरि ने दो टूक कहा कि मठ केपैसों की जिस कदर बर्बादी हो रही है, उसे रोकना और उजागर करना मेरा धर्म है और मैंने वही किया। मुझ पर परिवार से जुड़ाव का आरोप लगाने वाले गुरु जी स्वयं परिवार के मायामोह में आकंठ डूबे हैं। उनका संकल्प था कि मैं मरूंगा लेकिन मठ को बर्बाद करके।आनंद गिरि ने कहा, पिता से लेकर परिवार के अन्य सदस्यों तक के नाम पर करोड़ों की लुटाई है और उनसे रिश्ता भी बनाए रखा है। पिता के नाम पर हंडिया के गिर्दकोट के आमीपुर में सरयू प्रसाद सिंह इंटर कॉलेज बनवाया, जिसके स्वयं गुरुजी  संरक्षक हैं। भाइयों अशोक सिंह, आनंद सिंह और अरविंद सिंह के नाम पर झूंसी में 6000 वर्ग फीट जमीन खरीदी।मोहिउद्दीनपुर रोड पर भाइयों अशोक सिंह और आनंद सिंह, दोनों के नाम से तीन-तीन हजार वर्ग फीट की जमीन और छतौना में भी इन्हीं दोनों के नाम पर जमीन खरीदी है। वहीं दादरी, नोएडा में भाई अरविंद सिंह के नाम पर 3000 वर्ग फीट की जमीन है। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा मठ और अखाड़े का तमाम सोना-चांदी भाई-भाभी के नाम से हंडिया के एक बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखा गया है।
ऐशोआराम में खूब जमकर लुटाए गए मठ-मंदिर के पैसे
स्वामी आनंद गिरि ने कहा है कि गनर, गाड़ी और सेवकों पर तमाम पैसे खर्च करने के अतिरिक्त गुरुजी ने न सिर्फ अपने अनेक शिष्यों, विद्यार्थियों के नाम पर अनेक मकान बनवाए,जमीनें खरीदीं बल्कि उनकी शादियों में होने वाले डांस पर भी रुपयों की गड्डियां लुटाई गईं। यह सब मठ, मंदिर के पैसों की खुलेआम बर्बादी नहीं तो और क्या है।