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मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने दी अनुमति, भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री से किया था अनुरोध

भूपेश बघेल की ओर से केन्द्र सरकार से स्टील इंडस्ट्री को ऑक्सीजन के उपयोग की अनुमति के संबंध में भेजे गए प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने अनुमति प्रदान कर दी है। केन्द्र सरकार की सचिव स्तर की समिति ने छत्तीसगढ़ के 11 इस्पात उद्योगों को ऑक्सीजन उपयोग की सहमति दी है। मुख्यमंत्री बघेल ने इसके लिए केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के प्रति आभार प्रकट किया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के स्टील उद्योगों को राज्य में उत्पादित 20 प्रतिशत ऑक्सीजन के उपयोग की अनुमति दिए जाने के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की ओर से अवगत कराया गया है। कहा गया है कि गृह मंत्रालय की ओर से चिकित्सा और रक्षा उत्पादन से जुड़े उद्योगों को मेडिकल ऑक्सीजन के उपयोग की अनुमति 26,27 और 28 अप्रैल को जारी की जा चुकी है। इसी प्रकार इंडियन स्टील एसोसिएशन से ऑक्सीजन की आवश्यकता के संबंध में प्रस्ताव पर उद्योगों को प्रतिदिन 17 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है। स्टील उद्योगों में लगातार कामकाज के संचालन के लिए सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह भी बनाया गया है। इस समूह की ओर से स्टील उद्योगों में ऑक्सीजन के उपयोग पर मंजूरी दे दी गई है। मुख्यमंत्री बघेल ने इस संबंध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 16 मई को दूरभाष पर चर्चा की थी। इसके पहले प्रधानमंत्री की ओर से मुख्यमंत्रियों के साथ ली गई वीडियो कांफ्रेसिंग में कोरोना की स्थिति में सुधार और ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए स्टील उद्योगों को 20 फीसदी आक्सीजन के उपयोग की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर विचार का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री बघेल ने केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को इस संबंध में पत्र लिखकर यह अवगत कराया था कि राज्य में कोरोना महामारी की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। ऑक्सीजन उत्पादक इकाईयों को ऑक्सीजन की मांग के अभाव में क्षति हो रही है। ऑक्सीजन की कमी के कारण राज्य की सभी स्टील निर्माता इकाईयां बंद पड़ी है। इसके कारण लाखों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य की स्टील निर्माता इकाईयों को राज्य में उत्पादित 20 प्रतिशत मात्रा (92 मीट्रिक टन) के उपयोग की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि भविष्य में किसी भी समय अतिरिक्त मेडिकल ऑक्सीजन की मांग यदि उत्पन्न भी होती है, तो स्टील निमार्ता इकाईयों को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकी जा सकती है।