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मेहता सर्जिकल के मालिक के घर और ससुराल में दबिश, फरार मिले

प्रेमनगर पुलिस को घर में ही खड़ी मिलीं निजी गाड़ियां, दूसरी गाड़ियों से भागे
बरेली। कोरोना के कठिन दौर में मुनाफाखोरी करने में फंसे डीडीपुरम के मेहता सर्जिकल्स के मालिक का पूरा परिवार फरार हो गया है। प्रेमनगर पुलिस ने बृहस्पतिवार को घर और ससुराल दोनों जगह दबिश दी लेकिन आरोपी हाथ नहीं आए। पुलिस का कहना है कि आरोपी अपनी गाड़ियां भी घरों में छोड़ गए हैं ताकि उनके जरिए उनका पता न लगाया जा सके।एसडीएम सदर की अगुवाई में एफएसडीए की टीम ने 13 मई को डीडीपुरम में मेहता सर्जिकल्स के स्टोर और गोदाम पर छापा मारकर बड़े पैमाने पर मुनाफाखोरी और कालाबाजारी का मामला पकड़ा था। इसकी रिपोर्ट फर्म के खिलाफ थाना प्रेमनगर में दर्ज कराई गई थी। मंगलवार को प्रेमनगर पुलिस ने फर्म के लाइसेंस के आधार पर डीडीपुरम फर्म चलाने वाले अजय मेहता, पत्नी सोनिका मेहता, बेटे सुशांत मेहता और भाई सुनील मेहता, उनकी पत्नी राखी मेहता और बेटा राहुल को नामजद किया है।इंस्पेक्टर प्रेमनगर अवनीश यादव ने बताया कि बृहस्पतिवार को अजय मेहता, उसकी पत्नी सोनिका मेहता और बेटे सुशांत की तलाश में उनके घर और ससुराल में दबिश दी गई लेकिन सभी आरोपी फरार मिले। आरोपियों की गाड़ियां भी उनके घर में खड़ी हैं, उन्होंने आशंका जताई कि आरोपी किसी की गाड़ियां मांगकर फरार हुए हैं।
मेडिकल स्टोर पर पड़ा छापा, मालिक बोला- विधायक जी से बात कर लो
बरेली। वाणिज्य कर टीम ने बृहस्पतिवार को प्रगति अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर छापा मारा तो पता चला कि मेडिकल स्टोर बिना जीएसटी नंबर के चल रहा है और कोरोना संक्रमण की दवाओं की खरीद-फरोख्त का भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। रिकॉर्ड दिखाने के बजाय मेडिकल स्टोर मालिक ने फरीदपुर विधायक श्याम बिहारी को फोन लगाकर टीम की बात करा दी जिस पर अफसर अचकचा गए।वाणिज्य कर अधिकारी भानु प्रताप और कमल कांत बेलवाल गुरुवार दोपहर टीम के साथ प्रगति अस्पताल के मेडिकल स्टोर पहुंचकर रिकॉर्ड मांगे लेकिन संचालक ने रिकॉर्ड दिखाने के बजाय विधायक श्याम बिहारी लाल को फोन लगाकर सीटीओ की बात करवा दी। सीटीओ ने विधायक को बताया कि मेडिकल स्टोर पर जीएसटी नंबर नहीं है तो विधायक ने संचालक को ही फटकार लगाई। साईं मेडिकल और माहेश्वरी मेडिकल स्टोर के मालिक टीम को देखकर शटर डालकर भाग गए। गुप्ता मेडिकल पर दवा खरीद के पर्चे तो मिले मगर सेल का कोई हिसाब नहीं था। बिना रसीद दवाएं बेची जा रही थीं।टीम ने मेडिकल स्टोर मालिक से पूछताछ की तो वह बेहोश होने का नाटक करने लगा। रियल मेडिकल स्टोर ने 2018 के बाद से कोई बिल ही नहीं दिया था। ऐसे में जीएसटी चोरी साफ नजर आई। अधिकांश स्टोर संचालकों ने टीम को देख ऑक्सीमीटरए थर्मल स्कैनर आदि छुपा कर रख दिए।

प्रेमनगर पुलिस को घर में ही खड़ी मिलीं निजी गाड़ियां, दूसरी गाड़ियों से भागे

बरेली। कोरोना के कठिन दौर में मुनाफाखोरी करने में फंसे डीडीपुरम के मेहता सर्जिकल्स के मालिक का पूरा परिवार फरार हो गया है। प्रेमनगर पुलिस ने बृहस्पतिवार को घर और ससुराल दोनों जगह दबिश दी लेकिन आरोपी हाथ नहीं आए। पुलिस का कहना है कि आरोपी अपनी गाड़ियां भी घरों में छोड़ गए हैं ताकि उनके जरिए उनका पता न लगाया जा सके।

एसडीएम सदर की अगुवाई में एफएसडीए की टीम ने 13 मई को डीडीपुरम में मेहता सर्जिकल्स के स्टोर और गोदाम पर छापा मारकर बड़े पैमाने पर मुनाफाखोरी और कालाबाजारी का मामला पकड़ा था। इसकी रिपोर्ट फर्म के खिलाफ थाना प्रेमनगर में दर्ज कराई गई थी। मंगलवार को प्रेमनगर पुलिस ने फर्म के लाइसेंस के आधार पर डीडीपुरम फर्म चलाने वाले अजय मेहता, पत्नी सोनिका मेहता, बेटे सुशांत मेहता और भाई सुनील मेहता, उनकी पत्नी राखी मेहता और बेटा राहुल को नामजद किया है।

इंस्पेक्टर प्रेमनगर अवनीश यादव ने बताया कि बृहस्पतिवार को अजय मेहता, उसकी पत्नी सोनिका मेहता और बेटे सुशांत की तलाश में उनके घर और ससुराल में दबिश दी गई लेकिन सभी आरोपी फरार मिले। आरोपियों की गाड़ियां भी उनके घर में खड़ी हैं, उन्होंने आशंका जताई कि आरोपी किसी की गाड़ियां मांगकर फरार हुए हैं।

मेडिकल स्टोर पर पड़ा छापा, मालिक बोला- विधायक जी से बात कर लो
बरेली। वाणिज्य कर टीम ने बृहस्पतिवार को प्रगति अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर छापा मारा तो पता चला कि मेडिकल स्टोर बिना जीएसटी नंबर के चल रहा है और कोरोना संक्रमण की दवाओं की खरीद-फरोख्त का भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। रिकॉर्ड दिखाने के बजाय मेडिकल स्टोर मालिक ने फरीदपुर विधायक श्याम बिहारी को फोन लगाकर टीम की बात करा दी जिस पर अफसर अचकचा गए।

वाणिज्य कर अधिकारी भानु प्रताप और कमल कांत बेलवाल गुरुवार दोपहर टीम के साथ प्रगति अस्पताल के मेडिकल स्टोर पहुंचकर रिकॉर्ड मांगे लेकिन संचालक ने रिकॉर्ड दिखाने के बजाय विधायक श्याम बिहारी लाल को फोन लगाकर सीटीओ की बात करवा दी। सीटीओ ने विधायक को बताया कि मेडिकल स्टोर पर जीएसटी नंबर नहीं है तो विधायक ने संचालक को ही फटकार लगाई। साईं मेडिकल और माहेश्वरी मेडिकल स्टोर के मालिक टीम को देखकर शटर डालकर भाग गए। गुप्ता मेडिकल पर दवा खरीद के पर्चे तो मिले मगर सेल का कोई हिसाब नहीं था। बिना रसीद दवाएं बेची जा रही थीं।

 

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