निरंजनी अखाड़े ने कोविड -19 महामारी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए उत्तराखंड के सीएम राहत कोष में 50 लाख रुपये दिया है। इस बड़ी रकम को सीएम राहत कोष में दिए जाने के बाद अखाड़े से निष्कासित संत आनंद गिरि ने अपने गुरु को एक बार फिर कटघरे में खड़ा किया है। उनका कहना है कि यह रकम इस समय सिर्फ इसलिए राहत कोष में दी गई है, ताकि सरकार पर प्रभाव जमाया जा सके।उत्तराखंड के सीएम राहत कोष में निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी ने 50 लाख रुपये दिए हैं। बीते दिनों हरिद्वार में अखाड़े के पंच परमेश्वर केसाथ अष्टकलश की बैठक में आनंद गिरि के निष्कासन के फैसले का एलान महंत रवींद्र पुरी ने ही किया था। स्वामी आनंद गिरि ने कहा कि राहत कोष में यह रकम सिर्फ अखाड़े के पदाधिकारियों ने अपने बचाव में दी है।उधर, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि पूरे लॉकडाउन में निरंजनी अखाड़े की ओर से प्रभावित लोगों की सेवा की जाती रही है। उत्तराखंड के सीएम राहत कोष में महंत रवींद्र पुरी ने रामानंदपुरी कॉलेज के फंड से यह रकम कोविड मरीजों के लिए आक्सीजन मुहैया कराने के लिए दी गई है। अगर कोविड मरीजों की मदद के लिए ऐसा किया गया तो इसमें गलत क्या है।
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