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लखीमपुर खीरीः मुख्यमंत्री से नहीं मिल पाए फरियादी

नाकेबंदी: मृतक आश्रित में नौकरी दिलाने की मांग को लेकर वर्षा पहुंची थीं कलक्ट्रेटपुलिस ऑफिस में महिला को तीन घंटे तक बैठाए रखा, फिर लौटाया
लखीमपुर खीरी। शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे की खबर पर कई फरियादी भी उन्हें अपनी समस्या बताने के लिए मुख्यालय पहुंचे, लेकिन प्रमुख रास्तों पर पुलिस की सख्त नाकेबंदी होने के कारण वह कलक्ट्रेट तक ही नहीं पहुंच पाए। उन्हें रास्ते से ही लौटा दिया गया, वहीं कुछ फरियादी किसी तरह कलक्ट्रेट पहुंचने में कामयाब तो हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री का काफिला आते ही पुलिस ने उन्हें भी वहां से हटा दिया। एक महिला को तो तीन घंटे तक पुलिस ऑफिस में बैठाए रखा गया, वहीं से उसको घर लौटा दिया गया।शहर के मोहल्ला प्रकाशनगर निवासी वर्षा सिंह अपने पिता की कैंसर से मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे से नौकरी दिलाने की गुहार लेकर कलक्ट्रेट पहुंची थीं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित प्रार्थना पत्र भी तैयार किया था, जिसे वह मुख्यमंत्री को देना चाहती थीं। मुख्यमंत्री के आने से पहले काफी देर तक वर्षा सिंह सभागार के सामने खड़ी रहीं। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों की नजर उन पर पड़ गई। पुलिस ने वर्षा से पूछताछ करने के बाद उन्हें वहां से हटाकर पुलिस ऑफिस में बैठा दिया और बैठक खत्म होने के बाद मिलवाने की बात कही।बकौल वर्षा सिंह, उनके पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे, जो कैंसर से पीड़ित थे। उनकी वर्ष 2013 में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। वर्षा ने बताया कि पति से उनका तलाक हो चुका है। वह अपने घर में ही निराश्रित हैं। अब उनके कंधों पर ही वृद्घ मां और बेटी के भरण पोषण की जिम्मेदारी है। अब तक मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति नहीं मिली है। वर्षा सिंह मृतक आश्रित कोटे से अपनी नियुक्ति की मांग सीएम से करने आई थीं, लेकिन तीन घंटे इंतजार करने के बाद भी वह सीएम से अपनी बात नहीं कह सकीं।

नाकेबंदी: मृतक आश्रित में नौकरी दिलाने की मांग को लेकर वर्षा पहुंची थीं कलक्ट्रेट

पुलिस ऑफिस में महिला को तीन घंटे तक बैठाए रखा, फिर लौटाया
लखीमपुर खीरी। शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे की खबर पर कई फरियादी भी उन्हें अपनी समस्या बताने के लिए मुख्यालय पहुंचे, लेकिन प्रमुख रास्तों पर पुलिस की सख्त नाकेबंदी होने के कारण वह कलक्ट्रेट तक ही नहीं पहुंच पाए। उन्हें रास्ते से ही लौटा दिया गया, वहीं कुछ फरियादी किसी तरह कलक्ट्रेट पहुंचने में कामयाब तो हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री का काफिला आते ही पुलिस ने उन्हें भी वहां से हटा दिया। एक महिला को तो तीन घंटे तक पुलिस ऑफिस में बैठाए रखा गया, वहीं से उसको घर लौटा दिया गया।

शहर के मोहल्ला प्रकाशनगर निवासी वर्षा सिंह अपने पिता की कैंसर से मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे से नौकरी दिलाने की गुहार लेकर कलक्ट्रेट पहुंची थीं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित प्रार्थना पत्र भी तैयार किया था, जिसे वह मुख्यमंत्री को देना चाहती थीं। मुख्यमंत्री के आने से पहले काफी देर तक वर्षा सिंह सभागार के सामने खड़ी रहीं। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों की नजर उन पर पड़ गई। पुलिस ने वर्षा से पूछताछ करने के बाद उन्हें वहां से हटाकर पुलिस ऑफिस में बैठा दिया और बैठक खत्म होने के बाद मिलवाने की बात कही।

बकौल वर्षा सिंह, उनके पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे, जो कैंसर से पीड़ित थे। उनकी वर्ष 2013 में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। वर्षा ने बताया कि पति से उनका तलाक हो चुका है। वह अपने घर में ही निराश्रित हैं। अब उनके कंधों पर ही वृद्घ मां और बेटी के भरण पोषण की जिम्मेदारी है। अब तक मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति नहीं मिली है। वर्षा सिंह मृतक आश्रित कोटे से अपनी नियुक्ति की मांग सीएम से करने आई थीं, लेकिन तीन घंटे इंतजार करने के बाद भी वह सीएम से अपनी बात नहीं कह सकीं।