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मुख्तार अंसारी की गुहार, ‘वकीलों और घर वालों से करवा दो बात, बैरक में दे दो TV’, वर्चुअल पेशी में छलका दर्द

मुख्तार अंसारी की वर्चुअल पेशी शुक्रवार को बांदा जेल से मऊ कोर्ट में हुईकोर्ट में अंसारी ने परिजन और वकीलों से बात करवाने की गुहार लगाईअंसारी ने बांदा जेल के अपने बैरक में टीवी नहीं होने की भी बात कहीमऊफर्जी पते पर जारी आर्म्स लाइसेंस में विधायक के लेटरपैड पर पैरवी करने के मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी की वर्चुअल पेशी शुक्रवार को बांदा जेल से मऊ कोर्ट में हुई। कोर्ट में अंसारी ने परिजन और वकीलों से बात करवाने की गुहार लगाई। अंसारी ने बांदा जेल के अपने बैरक में टीवी नहीं होने की भी बात कही।मुख्तार के वकील दारोगा सिंह ने एनबीटी ऑनलाइन से खास बातचीत में बताया कि पेशी के दौरान उनके क्लाइंट मुख्तार ने कोर्ट को बताया कि मच्छरदानी और कूलर उपलब्ध करवा दिया गया है। लेकिन हार्ड-बेड और फिजियोथेरेपिस्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उसको नहीं दिया जा रहा है। अंसारी ने यह भी कहा कि उसकी परिजन से बात नहीं कराई जा रही है और ना ही उसको अपने वकीलों से बात करने दी जा रही है। मुख्तार ने कहा कि बात करने के लिए उसने अपने बड़े भाई अफ़ज़ाल अंसारी का नंबर दर्ज करवाया है ,जो वर्तमान में सांसद हैं। ‘बैरक में नहीं है टीवी’इसके साथ ही अंसारी ने कोर्ट के समक्ष यह बात भी रखी कि वकीलों से बात नहीं करने देने की सूरत में उसको न्यायालय में विचाराधीन मामलों की पैरवी में दिक्कत हो रही है। अंसारी ने यह भी कहा कि बांदा जेल में उसके बैरक में टीवी नहीं है जबकि अन्य सभी बैरक में टीवी लगी है।असलहा देने की पैरवी की थीबताते चलें कि मऊ विधायक अंसारी ने अपने लेटर पैड पर अपने खास लोगों को असलहों का लाइसेंस देने की पैरवी की थी। जांच में जानकारी मिली की आर्म्स लाइसेंस पाने के लिए दर्ज कराए गए पतेफर्जी हैं। इसी को आधार बनाकर मुख्तार अंसारी के साथ ही उसके करीबियों पर मुकदमा कायम किया गया था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 मई को होनी है।