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कोरोना की तीसरी लहर के लिए हर जिले में बनेंगे 50 बेड के आईसीयू – डॉ. महेंद्र सिंह

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प्रदेश के जलशक्ति मंत्री (सिंचाई एवं जल संसाधन, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग) एवं जिले के प्रभारी डॉ.महेंद्र सिंह ने शनिवार को कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का हाल जाना। कहा, प्रदेश सरकार जहां एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर को पूरी तरह नियंत्रित करने वहीं दूसरी तरफ तीसरी लहर के लिए भी अभी से तैयारी तेज कर दी गई है। प्रदेश के सभी जिलों में 50-50 बेड के आईसीयू बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा ब्लैंक फंगस को महामारी घोषित कर उसके उपचार की पूरी व्यवस्था की जा रही है।
कोविड कमांड कंट्रोल रूम में जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ बैठक कर जिले में टीकाकरण की स्थिति जानने के बाद उन्होंने कहा. दूसरी लहर को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। परिणाम यह हुआ कि 30 अप्रैल को प्रदेश में कोरोनावायरस के एक्टिव केसों की संख्या जहां तीन लाख से अधिक थी, वह अब घटकर एक लाख तक आ गई है। प्रयागराज में भी कोरोनावायरस के एक्टिव केसों की संख्या में कमी आई है। यूपी देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे अधिक टेस्ट करने वाला पहला राज्य बन गया है। प्रदेश में एक दिन में तीन लाख सात हजार टेस्टिंग का रिकॉर्ड बनाया गया है। अब तक कुल चार करोड़, 62 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं जबकि एक करोड़, 63 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।
बोले, प्रदेश में अब ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं है। ग्रामीण इलाकों में भी टेस्टिंग, सर्वे और ट्रीटमेंट की पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है। निगरानी समितियों के माध्यम से इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए कार्य किए जा रहे हैं। गंगा के किनारे दफनाए जा रहे शवों की रोकथाम के प्रयास किए गए हैं। गरीब लोगों को दाह संस्कार के लिए पांच हजार रुपये की मदद की जा रही है। श्मशान घाटों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। गंगा आस्था का केंद्र है। गंगा किनारे शवों के दफनाने पर रोक के लिए सभी के सम्मिलित प्रयास की जरूरत है।स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीसरी लहर की आशंका के सवाल पर उन्होंने कहा, प्रदेश के सभी जिलों में 50-50 बेड के आईसीयू वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। बच्चों के लिए अस्पतालों में अभी से युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। ब्लैक फंगस की बीमारी को महामारी घोषित करने के साथ ही अस्पतालों में दवा और अन्य चिकित्सीय संसाधनों की व्यवस्था कराई गई है। प्रदेश में लगातार ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए ग्यारह नए प्लांट का निर्माण शुरू कराया गया है। ये प्लांट जल्दी ही ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने में सक्षम होगे।
दादूपुर पहुंचे मंत्री ने लक्षण मिलने पर तुरंत किट उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
निरीक्षण के बाद मंत्री सोरांव स्थित दादूपुर प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। वहां बैठक कर उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे का ब्योरा लिया। कहा, कोई भी संदिग्ध नजर आए तो उसे तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाए। कोई भी घर छूटना नहीं चाहिए। उन्होंने आशा, एएनएम से मेडिकल किट के बारे में जानकारी लेने के बाद कहा, मरीजों को दवाओं के सेवन के बारे में सही तरीके से जानकारी दें।
श्रमिकों को मिलेगी एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता
मंत्री ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान जरूरतमंद लोग खासकर जो दैनिक मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं, उनकी आर्थिक सहायता की जाएगी। इसमें ठेला, धोबी, पटरी दुकानदार तथा श्रमिक शामिल होंगे। ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें तीन महीने के राशन के साथ 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ता दिया जाएगा।
वैक्सीनेशन सेंटर के निरीक्षण के बाद होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से की बात
वैक्सीनेशन सेंटर के निरीक्षण के साथ उन्होंने आइसोलेशन में रह रहे मरीजो से भी बात की। स्वास्थ्य अधिकारियों से पूछा, होम आइशोलेशन में रह रहे मरीजों को कितनी बार फोन कर उनका हालचाल लिया जा रहा है। जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम हो, उनके सेहत के बारे में जानकारी के लिए दिन में कई बार फोन करें। एंबुलेंस की जरूरत पूरी करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की काल का तुरंत निराकरण करें। इस दौरान उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों से स्वयं भी बातचीत करके उनकी सेहत के बारे में जानकारी ली। पूछा कितनी बार फोन करके सेहत के बारे में जानकारी ली जा रही है। दवाओं की किट सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं को समय से उपलब्ध कराया जा रहा है या नहीं। इसके पूर्व वह मेडिकल कालेज में बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर भी गए जहां उन्होंने वैक्सीनेशन कराने आए लोगो से बातचीत भी की।बैठक में सांसद केसरी देवी पटेल, सांसद प्रो.रीता बहुगुणा जोशी, महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी, विधायक डॉ. हर्षवर्धन वाजपेयी, विक्रमाजीत मौर्य, विधान परिषद सदस्य सुरेंद्र चैधरी, महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी, मृत्युजंय तिवारी, मंडलायुक्त संजय गोयल, जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी, आईजी केपी सिंह, ़डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी शिपू गिरी, नगर आयुक्त रवि रंजन, प्राचार्य मेडिकल कालेज डॉ. एसपी सिंह, सीएमओ डॉ.प्रभाकर राय सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
बेली पहुंचकर मंत्री ने जाना कोविड मरीजों का हाल
जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने तेज बहादुर सप्रू (बेली) हॉस्पिटल पहुंचकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कोविड-19 के प्रसार को रोकने और भर्ती मरीजों का अच्छे ढंग से उपचार किए जाने के भी निर्देश दिया। कहा, चिकित्सक अपने को सुरक्षित रखते हुए मरीजों का सेवाभाव से उपचार करें। संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके और बेहतर उपचार हो सके। उन्होंने सीसीटीवी के जरिए वार्डो में भर्ती मरीजों का भी हालचाल लिया। साथ ही व्यवस्था में सुधार के निर्देश भी दिए। इस मौके पर जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी, सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय, सीएमएस डॉ. किरन मलिक, डॉ.एक अखौरी के अतिरिक्त कई अन्य चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहा।

प्रदेश के जलशक्ति मंत्री (सिंचाई एवं जल संसाधन, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग) एवं जिले के प्रभारी डॉ.महेंद्र सिंह ने शनिवार को कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का हाल जाना। कहा, प्रदेश सरकार जहां एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर को पूरी तरह नियंत्रित करने वहीं दूसरी तरफ तीसरी लहर के लिए भी अभी से तैयारी तेज कर दी गई है। प्रदेश के सभी जिलों में 50-50 बेड के आईसीयू बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा ब्लैंक फंगस को महामारी घोषित कर उसके उपचार की पूरी व्यवस्था की जा रही है।

कोविड कमांड कंट्रोल रूम में जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ बैठक कर जिले में टीकाकरण की स्थिति जानने के बाद उन्होंने कहा. दूसरी लहर को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। परिणाम यह हुआ कि 30 अप्रैल को प्रदेश में कोरोनावायरस के एक्टिव केसों की संख्या जहां तीन लाख से अधिक थी, वह अब घटकर एक लाख तक आ गई है। प्रयागराज में भी कोरोनावायरस के एक्टिव केसों की संख्या में कमी आई है। यूपी देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे अधिक टेस्ट करने वाला पहला राज्य बन गया है। प्रदेश में एक दिन में तीन लाख सात हजार टेस्टिंग का रिकॉर्ड बनाया गया है। अब तक कुल चार करोड़, 62 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं जबकि एक करोड़, 63 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

बोले, प्रदेश में अब ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं है। ग्रामीण इलाकों में भी टेस्टिंग, सर्वे और ट्रीटमेंट की पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है। निगरानी समितियों के माध्यम से इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए कार्य किए जा रहे हैं। गंगा के किनारे दफनाए जा रहे शवों की रोकथाम के प्रयास किए गए हैं। गरीब लोगों को दाह संस्कार के लिए पांच हजार रुपये की मदद की जा रही है। श्मशान घाटों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। गंगा आस्था का केंद्र है। गंगा किनारे शवों के दफनाने पर रोक के लिए सभी के सम्मिलित प्रयास की जरूरत है।स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीसरी लहर की आशंका के सवाल पर उन्होंने कहा, प्रदेश के सभी जिलों में 50-50 बेड के आईसीयू वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। बच्चों के लिए अस्पतालों में अभी से युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। ब्लैक फंगस की बीमारी को महामारी घोषित करने के साथ ही अस्पतालों में दवा और अन्य चिकित्सीय संसाधनों की व्यवस्था कराई गई है। प्रदेश में लगातार ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए ग्यारह नए प्लांट का निर्माण शुरू कराया गया है। ये प्लांट जल्दी ही ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने में सक्षम होगे। दादूपुर पहुंचे मंत्री ने लक्षण मिलने पर तुरंत किट उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
निरीक्षण के बाद मंत्री सोरांव स्थित दादूपुर प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। वहां बैठक कर उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे का ब्योरा लिया। कहा, कोई भी संदिग्ध नजर आए तो उसे तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाए। कोई भी घर छूटना नहीं चाहिए। उन्होंने आशा, एएनएम से मेडिकल किट के बारे में जानकारी लेने के बाद कहा, मरीजों को दवाओं के सेवन के बारे में सही तरीके से जानकारी दें।
श्रमिकों को मिलेगी एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता
मंत्री ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान जरूरतमंद लोग खासकर जो दैनिक मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं, उनकी आर्थिक सहायता की जाएगी। इसमें ठेला, धोबी, पटरी दुकानदार तथा श्रमिक शामिल होंगे। ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें तीन महीने के राशन के साथ 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ता दिया जाएगा।
वैक्सीनेशन सेंटर के निरीक्षण के बाद होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से की बात
वैक्सीनेशन सेंटर के निरीक्षण के साथ उन्होंने आइसोलेशन में रह रहे मरीजो से भी बात की। स्वास्थ्य अधिकारियों से पूछा, होम आइशोलेशन में रह रहे मरीजों को कितनी बार फोन कर उनका हालचाल लिया जा रहा है। जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम हो, उनके सेहत के बारे में जानकारी के लिए दिन में कई बार फोन करें। एंबुलेंस की जरूरत पूरी करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की काल का तुरंत निराकरण करें। इस दौरान उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों से स्वयं भी बातचीत करके उनकी सेहत के बारे में जानकारी ली। पूछा कितनी बार फोन करके सेहत के बारे में जानकारी ली जा रही है। दवाओं की किट सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं को समय से उपलब्ध कराया जा रहा है या नहीं। इसके पूर्व वह मेडिकल कालेज में बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर भी गए जहां उन्होंने वैक्सीनेशन कराने आए लोगो से बातचीत भी की।बैठक में सांसद केसरी देवी पटेल, सांसद प्रो.रीता बहुगुणा जोशी, महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी, विधायक डॉ. हर्षवर्धन वाजपेयी, विक्रमाजीत मौर्य, विधान परिषद सदस्य सुरेंद्र चैधरी, महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी, मृत्युजंय तिवारी, मंडलायुक्त संजय गोयल, जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी, आईजी केपी सिंह, ़डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी शिपू गिरी, नगर आयुक्त रवि रंजन, प्राचार्य मेडिकल कालेज डॉ. एसपी सिंह, सीएमओ डॉ.प्रभाकर राय सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
बेली पहुंचकर मंत्री ने जाना कोविड मरीजों का हाल
जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने तेज बहादुर सप्रू (बेली) हॉस्पिटल पहुंचकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कोविड-19 के प्रसार को रोकने और भर्ती मरीजों का अच्छे ढंग से उपचार किए जाने के भी निर्देश दिया। कहा, चिकित्सक अपने को सुरक्षित रखते हुए मरीजों का सेवाभाव से उपचार करें। संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके और बेहतर उपचार हो सके। उन्होंने सीसीटीवी के जरिए वार्डो में भर्ती मरीजों का भी हालचाल लिया। साथ ही व्यवस्था में सुधार के निर्देश भी दिए। इस मौके पर जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी, सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय, सीएमएस डॉ. किरन मलिक, डॉ.एक अखौरी के अतिरिक्त कई अन्य चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहा।