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‘चेहरा दिखाने के लिए हॉस्पिटल ने लिए 25000’, पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्रा की बेटी की मौत पर राजनीति शुरू

अभिषेक जायसवाल,वाराणसीपीएम मोदी के प्रस्तावक और पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा की बड़ी बेटी संगीता मिश्रा की कोरोना से मौत मामले में गठित जांच कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी हैं। जांच कमिटी के रिपोर्ट के बाद मामले में अब सिसायत शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश के बाद एमएलसी आशुतोष सिन्हा के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल पंडित छन्नूलाल मिश्र के घर पहुंच उनसे मुलाकात की। पंडित छन्नूलाल से मुलाकात के बाद एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने इस मामले को विधान परिषद में उठाने की बात कही है। आशुतोष सिन्हा ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर भी सवाल भी खड़े किए। जांच कमिटी की रिपोर्ट में अस्पताल को क्लीन चिट दिए जाने पर पर उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट से पूरी काशी की जनता मर्माहत है,जहां कार्रवाई होनी चाहिए थी,वहां अस्पताल के पक्ष में रिपोर्ट लगाई गई। सामाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में इस मुद्दे पर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगी। सीएम योगी से करेंगे शिकायतबेटी की मौत से मर्माहत पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए सीएम योगी से शिकायत करेंगे। इसके लिए उनकी छोटी बेटी नम्रता मिश्रा ने सीएम योगी को मेल कर उनसे मिलने का समय भी मांगा है। छन्नूलाल मिश्रा ने कहा कि वे जांच समिति की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। जांच रिपोर्ट में सिर्फ अस्पताल की बातें लिखी हैं। हमारी बस इतनी मांग थी कि इस मामले में अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज सामने आए, लेकिन अब तक हमे सीसीटीवी फुटेज नहीं दिखाया गया है। ये है पूरा मामलापद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा की बड़ी बेटी संगीता मिश्रा की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 24 अप्रैल को उन्हें वाराणसी के मैदागिन स्थित मेडविन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और 29 मई की देर रात उनकी मौत हो गई। संगीता मिश्रा की मौत के बाद उनकी बहन नम्रता मिश्रा ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीसीटीवी फुटेज दिखाए जाने की मांग को लेकर अस्पताल में हंगामा किया। चेहरा दिखाने का मांगा 25 हजारएनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में पंडित छन्नूलाल लाल मिश्रा की छोटी बेटी नम्रता मिश्रा ने बताया कि उनकी बहन की मौत के बाद अस्पताल ने चेहरा दिखाने के नाम पे 25 हजार रुपये लिए। यही नहीं पहले से जमा किए गए पैसों का हिसाब भी अस्पताल के पास नहीं है।