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प्रभारी मंत्री श्री अमरजीत भगत ने खनिज न्यास निधि मद से 1 करोड़ की लागत से मल्टी एक्टिवीटी गतिविधियों का किया वर्चुअल शुभांरभ

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खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री अमरजीत भगत ने आज वर्चुअल माध्यम से जशपुर जिले के गौठानों में स्व-सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से संचालित किए जाने के लिए खनिज न्यास निधि मद से लगभग 1 करोड़ की लागत से मल्टी एक्टिवीटी गतिविधियों का शुभारंभ किया गया। वर्चुअल से संसदीय सचिव एवं कुनकुरी विधायक श्री यू.डी.मिंज, पत्थलगांव विधायक श्री रामपुकार सिंह और जशपुर विधायक श्री विनय भगत, कलेक्टर श्री महादेव कावरे और जिला पंचायत सीईओ श्री के.एस.मण्डावी, जनप्रतिनिधि सभी एसडीएम, जनपद सीईओ और गौठानों से स्व-सहायता समूह की महिलाएं, समाज सेवी श्री सुरज चैरसिया जुड़े थे।
 प्रभारी मंत्री श्री अमरजीत भगत ने वर्चुअल माध्यम से मनोरा विकासखंड के सोनक्यारी और कुनकुरी विकासखंड के जोरातराई स्व-सहायता समूह की महिलाओं से बात करके गौठान की गतिविधियों की जानकारी ली और उन्हें प्रोत्साहित किया। साथ ही सभी को अपनी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जशपुर जिले में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुसार गौठानों में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं को मुर्गी पालन, बकरी पालन, चैन फिनिसिंग, रेशम पालन, वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण, मशरूम उत्पादन सिलाई मशीन, मिनी राईस मिल का भी संचालन करवाया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा अब स्व-सहायतासमूह की महिलाओं को सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि जशपुर जिले के जनप्रतिनिधि जिला प्रशासन और कलेक्टर श्री महादेव कावरे के मार्गदर्शन में कोरोना संक्रमण की सुरक्षा के दौरान बेहतर कार्य किए गए। अब गौठानों को भी मुर्तरूप दिया जा रहा है। किसी भी कार्य की सफलता में सबकी सहभागिता जरूरी रहती है तो निश्चित ही उस कार्य में सफल मिलती है। जिला प्रशासन द्वारा यह प्रयास निरंतर किया जा रहा है। प्रभारी मंत्री ने  कलेक्टर श्री महादेव कावरे को निर्देश देते हुए कहा कि जिन गौठानों में पानी की सुविधा नहीं है वहां पानी की सुविधा उपलब्ध कराएं। साथ ही गौठानों में बिजली भी सुविधा उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए है। साथ ही कोरोना संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में एम्बुलेंस या अन्य सुविधाओं की  आवश्यकता है उस पर भी विशेष ध्यान देकर आपूर्ति करने के निर्देश दिए है।  
संसदीय सचिव एवं कुनकुरी विधायक श्री यू.डी.मिंज ने वर्चुअल के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि जशपुर जिले में राज्य शासन की मंशानुसार बेहतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने गौठानों पर विशेष  ध्यान देकर चारागाह को विकसित करने के लिए निर्देश दिए है।  जिन गौठानों में पानी की सुविधा नहीं है वहां पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा है ताकि गौठानों में समूह की महिलाएं आजीविका से जुड़ सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुसार गौठानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौठानों का विकास बेहतर तरीके से करना होगा। ताकि ग्रामीणजनों को उससे आर्थिक लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि समय-सीमा निर्धारित करके अधिकारी गौठानों की नियमित करें।
 विधायक पत्थलगांव श्री रामपुकार सिंह ने सभी को अपनी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए देते हुए कहा कि आज वर्चुअल के माध्यम से गौठानों के मल्टी एक्टिवीटी का शुभारंभ किया गया है निश्चित ही इसका लाभ ग्रामीणजन की महिलाओं को मिलेगा और वे लाभ उठाएगें। विधायक जशपुर श्री विनय भगत ने सभी को इस अवसर अपनी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुसार जशपुर जिले में महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। जिला प्रशासन एवं अधिकारी कर्मचारियों की टीम निरंतर कार्य कर रही है। कोरोना काल में भी लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। विधायक श्रीविनय भगत ने प्रभारी मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि कोरोनाकाल में खनिज न्यास निधि मद से जशपुर जिले  के स्वास्थ्य केन्द्र हेतु आॅक्सीजन कंन्सेंट्रेटर उपलब्ध कराया गया है और इसका लाभ मरीजों को सही समय पर मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि जशपुर जिले में गौठानों में मुर्गी, बकरी, सुअर पालन, चैन फिनिसिंग के कार्य करवाए जा रहे है और महिलाएं आर्थिक आजीविका से जुड़ रही है।
कलेक्टर श्री महदेव कावरे ने बताया कि जशपुर जिले में कुल 214 गौठान हैं इनमें से सक्रिय गौठान 190 है। कुल पंजीकृत विक्रेता 7927, कुल सक्रिय विक्रेता 6490 लोगों ने गोबर विक्रय किया है। गोबर की मात्रा 98619.97 क्विंटल, कुल राशि 19723994 है। कुल 214 गौठान में 70 गोठानों में कुल 3328.38 क्विंटल खाद का उत्पादन किया गया है जिससे कुल 2902.38 क्विंटल खाद का विक्रय कर कुल 2902380 रुपए की राशि प्राप्त हुई।
वर्चुअल आॅनलाईन से आज उद्यान विभाग के द्वारा जिले के गौठान के स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रा.बा.मि. योजनांतर्गत प्रिजरवेशन यूनिट सोलर ड्रायर अन्तर्गत 49 स्व-सहायता समूह को दिया गया है। मनोरा विकासखंड के सुरज स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 2 लाख 77 हजार 450 रुपए की लगात से दोना पत्तल निर्माण के लिएमशीन, इसी प्रकार बगीचा विकासखंड के रमसमा गौठान के जीवन महिला स्व-सहायता समूह को दोना पत्तल निर्माण हेतु मशीन के लिए 2 लाख 77 450, फरसाबहार विकासखंड के ग्राम साजबहार के शालोम महिला स्व-सहायता समूह को दोना पत्तल निर्माण हेतु 1 लाख 66 हजार 470, जशपुर के झड़गांव की खुशबु महिला स्व-सहायता समूह को जाली तार निर्माण हेतु 2 लाख 59 हजार, मनोरा विकासखंड के ग्राम मनोरा के गंगा मां महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मक्का से पाॅपकार्न निर्माणएवं प्रशिक्षण कार्य के लिए 67 हजार 823 रुपए, मनोरा विकासखंड के ग्राम सोनक्यारी के महिला स्व-सहायता समूह को खाद्य तेल उत्पादन एवं प्रशिक्षण कार्य हेतु 99 हजार 515 रुपए, तथा जशपुर के जशपुर नगर पालिका के महिला स्व-सहायता समूह को मुर्रा निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्य हेतु 1 लाख 24 हजार 214 रुपए कुल 12 लाख 27 हजार 922 रुपए की राशि खनिज नियास निधि से प्रदाय करने हेतु स्वीकृत की गई।
पशु चिकित्सा विभाग द्वारा 24 महिला स्व-सहायता समूह बकरी, मुर्गी तथा सुकरपालन हेतु उन्हें योजना से लाभांवित किया गया है।  साथ ही फरसाबहार विकासखंड के में पशुपालन विभाग कृषि विभाग, डीएमएफ रेशम विभाग,  द्वारा मुर्गी पालन, साबून निर्माण, आलू चिप्स, मिनी राईस मिली, सब्जी उत्पादन, सिलाई मशीन आचार उत्पादन, मुर्रा उत्पादन, मुगफली उत्पादन, दोना पत्तल निर्माण, रिमा, टसरधागा, के लिए 28 स्व-सहायता समूह को मल्टी सुविधा उपलब्ध कराकर मल्टी एक्टीवीटी से जोड़ा गया है। इसी प्रकार मनोरा जनपद में मुर्गी पालन हेतु चड़िया के एकतास्व-सहायता समूह, मोड़ो के दुर्गा स्व-सहायता समूह, गेंदा स्व-सहायता समूह  तथा गीधा के चम्पा स्व-सहायता समूह को  प्रति ईकाई के मानसे 3000-3000 रुपए लागत से लाभांवित किया गया है। साथ ही रेमने में चन््रमा स्व-सहायता समूह को गन्ना पेराई मशीन, सोनक्यारी के दबंग स्व-सहायता समूह को खाद्य तेल निर्माण, सत्य कबीर स्व-सहायता समूह को सिलाई मशीन, गड़ियोटोगरी के गंगा स्व-सहायता समूह को पाॅपकार्न निर्माण तथा घाघरा के सूरज स्व-सहायता समूह को दोना पत्तल निर्माण के जोड़ कर लाभांवित किया गया है।