Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

ब्लैक और वाइट के बाद अब यलो फंगस ने डराया, जानें लक्षण और बचाव

गाजियाबादब्लैक फंगस और सफेद फंगस के बाद अब कोरोना संक्रमण को मात दे चुके शुगर के मरीजों में येलो (पीले) फंगस का खतरा सामने आया है। जिले में येलो फंगस का पहला मरीज आरडीसी स्थित हर्ष पॉली क्लिनिक में सामने आया है। ईएनटी स्पेशलिस्ट के अनुसार येलो फंगस अन्य दोनों तरह के फंगस से ज्यादा घातक है। इसके उपचार में देरी करने से शरीर में स्पेटीसीमिया (जहर फैलना) भी हो सकता है। येलो फंगस रेप्टाइल्स (सांप, छिपकली आदि) में देखने को मिलता है, डॉ. बी.पी. त्यागी के अनुसार इंसान में यह पहली बार देखा गया है। फिलहाल मरीज का उपचार चल रहा है और इसके लिए जरूरी इंजेक्शन की मांग स्वास्थ्य विभाग से की गई है।ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. बीपी त्यागी ने बताया कि रविवार देर शाम को उनके पास येलो फंगस के लक्षण का मरीज आया था। संजय नगर के रहने वाले कुंवर सेन (45 वर्ष) को फंगस के लक्षण थे, लेकिन सीटी स्कैन से इसका पता नहीं चला। जब मरीज की एंडोस्कोपी की गई तो उसमें ब्लैक और वॉइट के साथ येलो फंगस की भी पुष्टि हुई। येलो फंगस को लेकर कोई स्टडी भी नहीं है। मरीज को अस्पताल में भर्ती करके उपचार शुरू कर दिया गया है। येलो फंगस में भी एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की जरूरत होती है। यह इंजेक्शन बाजार में नहीं मिल रहा है, इसलिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से इंजेक्शन उपलब्ध करवाने की मांग अस्पताल प्रबंधन की ओर से की गई है। डॉ. त्यागी के अनुसार फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है, लेकिन इंजेक्शन समय से नहीं मिला तो हालत बिगड़ सकती है।क्या है येलो फंगसडॉ. बीपी त्यागी के अनुसार येलो फंगस रेप्टाइल्स (छिपकली आदि) में देखने को मिलता है। रेप्टाइल्स में येलो फंगस के चलते सेप्टीसीमिया होता है और उनकी मौत तक हो सकती है। इंसानों में येलो फंगस का यह पहला मामला है। इसे म्युकोर सेप्टिकस कहा जाता है। इससे शरीर में जहर फैलने का भी खतरा रहता है, जो इस बीमारी को बाकी दोनों फंगस से ज्यादा घातक बनाता है। येलो फंगस में शरीर के अंदरूनी हिस्सों मे घाव हो जाते हैं, जिन्हें ठीक होने में समय लगता है। बीमारी ठीक हो जाती है लेकिन घाव बने रहते हैं जो धीरे-धीरे सही होते हैं।येलो फंगस के लक्षण- नाक का बंद होना- शरीर के अंगों का सुन्न होना- शरीर में दर्द होना- ज्यादा कमजोरी होना- धड़कन का बढ़ जाना- शरीर में घावों से मवाद बहना- शरीर कुपोषित सा दिखने लगनायलो फंगस से बचाव- घर की और आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखें- खासकर कोरोना से ठीक हुए मरीज के हाइजीन का खास ध्यान रखें, क्योंकि उनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर होती है- खराब या बासी खाने का प्रयोग न करें- घर पर नमी न होने दें क्योंकि फंगस और बैक्टीरिया नम जगहों पर ज्यादा ऐक्टिव होता है- हो सके तो घर की नमी नापने के लिए यंत्र रखें- घर में 30 से 40 फीसदी से ज्यादा नमी खतरनाक हो सकती है- इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग रखें- हेल्दी डाइट लें, ताजा खाना खाएं- खूब पानी पिएं और ध्यान रखें कि पानी भी साफ होना चाहिएयलो फंगस को लेकर कोई सूचना नहींसीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि येलो फंगस को लेकर निजी अस्पताल की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है। मामले की जांच के लिए ब्लैक फंगस के नोडल अधिकारी को निर्देशित किया गया है। जांच के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।