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कोरोना की मार झेल रहे लोगों की ‘भूख’ पर UP में भ्रष्टाचार का डाका, NBT ऑनलाइन की Exclusive पड़ताल

बीते दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का एक वीडियो जमकर वायरल हुआ। वीडियो में लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश एक राशन लाभार्थी से बात करते दिखाई दे रहे थे। अभिषेक ने राशन लाभार्थी महिला से पूछा कि क्या आपको राशन के पैसे देने पड़े और राशन में क्या-क्या मिला? महिला का जवाब था कि उसे किसी तरह के पैसे नहीं देने पड़े और राशन में गेहूं और चावल मिला। हालांकि लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ये जांचना भूल गए कि लोगों को कितना राशन दिया जा रहा है। जब कोटे की दुकान पर पहुंचकर DM लखनऊ ने लगाया फोन, लाभार्थी से पूछा- आपको राशन मिला क्याजब कोटे की दुकान पर पहुंचकर DM लखनऊ ने लगाया फोन, लाभार्थी से पूछा- आपको राशन मिला क्या​वजीरगंज खाद्य क्षेत्र का हालवजीरगंज क्षेत्र के नाला फतेहगंज में राजेन्द्र कुमार गुप्ता की दुकान पर खुलेआम राशन की कटौती की जा रही थी। यहां हर तीन यूनिट पर एक किलो राशन कम दिया जा रहा था। यानी 15 किलो की जगह 14 किलो राशन दिया जा रहा था। ​राजाजीपुरम खाद्य क्षेत्र का हालराजाजीपुरम इलाके में मवइया चौराहे पर स्थित राधेलाल महावीर प्रसाद की दुकान पर भी राशन की घटतौली का खुला खेल चल रहा था। यहां हर 10 किलो राशन पर करीब आधा किलो राशन की घटतौली चल रही थी। ​यहियागंज खाद्य क्षेत्र का हालयहियागंज के मोतीनगर में संतोष की दुकान की दुकान पर भी राशन कम देने का खेल चल रहा था। यहां एनबीटी ऑनलाइन के रिपोर्टर के सामने एक लाभार्थी को 4 यूनिट यानी 8 किलो चावल दिया जाना था, लेकिन उन्हें सिर्फ 7 किलो दिया गया। ​हसनगंज खाद्य क्षेत्र का हालहसनगंज क्षेत्र के श्रीनगर, मड़ियांव में अलका की दुकान पर भी भारी कमियां मिलीं। लोगों का आरोप था कि यहां हर बार राशन कम दिया जाता है। इसके साथ ही जब एक लाभार्थी का राशन तौलवाया गया तो सामने आया कि 7 यूनिट पर 34 किलो के करीब राशन दिया गया था। लोगों का आरोप यह भी था कि यहां दुकान समय पर नहीं खुलती और लोगों को वापस कर दिया जाता है। ​सरकारी अफसरों का असल खेलहैरान करने वाली बात ये है कि लखनऊ की अधिकतर सरकारी राशन की दुकानों पर यही खेल चल रहा है। लेकिन इस खेल की आंच सरकारी अधिकारियों तक भी पहुंची है। एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में अधिकतर कोटेदारों ने कहा कि इन्हें गोदाम से ही कम राशन मिलता है। इसके अलावा बोरियों का वजन नहीं दिया जाता। जब कि नियम के मुताबिक, गोदाम को बोरियों के वजन भर का राशन अलग से उपलब्ध कराना चाहिए।​यूपी में 3 महीने मिलेगा मुफ्त राशनआपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी के चलते समय समय पर लागू हो रहे लॉकडाउन के बीच गरीब और जरूरतमंदों को राशन संबधी हो रही समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आगामी 3 माह तक पांच किलो निःशुल्क राशन देने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी की श्रेणी में आने वाले राशनकार्ड धारकों को आगामी 3 माह तक के लिए प्रति यूनिट 3 किलो गेहूं और 2 किलों चावल निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।