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पंडित छन्नूलाल मिश्ना ने CM योगी से की शिकायत, बेटी की मौत का मामला, फिर से होगी मामले की जांच!

पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा की बड़ी बेटी संगीता मिश्रा की कोरोना से मौत हो गई थी इलाज के दौरान अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा थाडीएम ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे21 दिन बाद जांच कमिटी ने इस मामले में अस्पताल को क्लीन चिट दे दी थीअभिषेक जायसवाल, वाराणसीबेटी के मौत मामले में न्याय की मांग को लेकर पीएम मोदी के प्रस्तावक और पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा ने मंगलवार को सीएम योगी से मुलाकात की। वाराणसी के सर्किट हाउस में सुबह करीब सवा आठ बजे पंडित छन्नूलाल मिश्रा अपनी छोटी बेटी नम्रता मिश्रा के साथ सर्किट हाउस पहुंचे और मुख्यमंत्री से अपनी बड़ी बेटी संगीता मिश्रा की मौत मामले में अस्पताल की लापरवाही और जांच कमिटी के डॉक्टर को क्लीन चिट के रिपोर्ट की शिकायत की। सीएम ने दिया निष्पक्ष जांच का भरोसा पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा की शिकायत के बाद सीएम ने उन्हें इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया। एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में पंडित छन्नूलाल मिश्रा की छोटी बेटी नम्रता मिश्रा ने बताया कि सीएम ने इस मामले में जल्द ही दूसरी जांच कमिटी गठित कर इस पूरे मामले के निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने पापा के स्वास्थ्य को लेकर चिंता भी जताई है।Coronavirus In Lucknow: तीसरी लहर की तैयारी, सभी अस्पतालों में बढ़ेंगे पीडियाट्रिक बेड यह है पूरा मामला पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा की बड़ी बेटी संगीता मिश्रा की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 24 अप्रैल को उन्हें वाराणसी के मैदागिन स्थित मेडविन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और 29 मई की देर रात उनकी मौत हो गई। संगीता मिश्रा की मौत के बाद उनकी बहन नम्रता मिश्रा ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीसीटीवी फुटेज दिखाए जाने की मांग को लेकर अस्पताल में हंगामा किया। इसके बाद डीएम ने इस मामले में जांच के आदेश दिए। 21 दिन बाद जांच कमिटी ने इस मामले में अस्पताल को क्लीन चिट दे दी। चेहरा दिखाने का मांगा था 25 हजारएनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में पंडित छन्नूलाल लाल मिश्रा की छोटी बेटी नम्रता मिश्रा ने बताया कि उनकी बहन की मौत के बाद अस्पताल ने चेहरा दिखाने के नाम पे 25 हजार रुपये लिए। यही नहीं पहले से जमा किए गए डेढ़ लाख रुपयों का हिसाब भी अस्पताल के पास नहीं है। बल्कि मौत के बाद अस्पताल ने उनसे चार लाख रुपये की मांग की थी।