कोंडागांव (शंभू यादव)। जिला मुख्यालय से लगे कुम्हारपारा में भरण-पोषण के लिए जातिगत कार्य छोड़ दूसरा कार्य करने से दो परिवारों को सामाजिक बहिष्कार का दंश झेलना पड़ रहा है। अब पीड़ित परिवार का कोई भी सदस्य समाज के किसी भी व्यक्ति के घर आ-जा नहीं सकता। यही नहीं उन्हें पड़ोस के सुख-दुख, मरनी-छट्टी या शादी-सगाई में भी जाने की अनुमति नहीं है।
पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत कलेक्टर से जनदर्शन में की है। जिला मुख्यालय से लगा कुम्हारपारा अपनी कलाकृतियों के लिए मशहूर है। यहां के कुम्हार मिट्टी से बर्तन व अन्य सामान बनाते हैं। इन्हीं में से सुरेंद्र चक्रधारी और उनके जीजा कमल सिंह चक्रधारी का परिवार है। दोनों ही प्राथमिक शाला कुम्हारपारा में 2012 से अंशकालीन स्वच्छक पद पर 2000 रुपये के लिए अस्थाई तौर पर नियुक्त हैं। परिवार पेशे से कुम्हार है और मिट्टी के बर्तन बनाता है लेकिन इससे परिवार का गुजर-बसर नहीं हो रहा था। परिवार के मुखियाओं का अंशकालीन स्वच्छक पद पर नियुक्त होना समाज प्रमुखों को इतना नागवार गुजरा कि उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया।
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