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नोएडा के गांवों की हकीकत, कहीं स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग जर्जर, कहीं लटक रहे ताले, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

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नोएडाकोरोना की दूसरी लहर ने जिले में कहर बरपाया है। शहर के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में इसका असर अधिक दिखाई दे रहा है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहाल दिखाई दे रही हैं। गौतमबुद्धनगर के दादरी एरिया में कई स्वास्थ्य उप केंद्रों (एएनएम सेंटर) पर स्वास्थ्यकर्मी न होने की वजह से ताले लटके हुए हैं। वहीं, आठ की बिल्ड़िग खंड़हर में ही तब्दील हो गई है। कोरोना काल में उपचार के लिए लोगों को कई किलोमीटर दूर जाकर अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द स्वास्थ्य उप केंद्रों को शुरू करने की मांग जिला प्रशासन से की है। मेडिकल सुपरिटंडेंट का कहना है कि 8 स्वास्थ्य उप केंद्रों के निर्माण के लिए सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। जल्द ही नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।छौलस गांव की हकीकतछौलस गांव स्थित स्वास्थ्य केंद्र प्रशासनिक उपेक्षा के कारण खंडहर में तब्दील हो चुका है। यहां पर कूड़े का ढेर है और आवारा जानवर घूमते नजर आते हैं। यह लंबे समय से बंद है। गांव प्रधान अली हसन का कहना कि 90 के दशक में इस स्वास्थ्य केद्र को बनाया गया था। यह पिछले 10 साल से अधिक समय से बंद पड़ा है। पहले कभी डॉक्टर यहां लोगों का उपचार किया करते थे। लेकिन धीरे-धीरे अब यह खंड़हर में तब्दील हो गया है।छौलस गांव स्थित स्वास्थ्य केंद्र की हालतलोगों को इलाज करने के लिए 12 किलोमीटर दूर दादरी, सिकंदराबाद समेत अन्य जगह जाना पड़ता है। वर्तमान में बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। उसके सामने कूड़े का ढेर है। स्वास्थ्य विभाग की टीम कभी इधर देखने भी नहीं आती। कोरोना की दूसरी लहर के बीच गांव में एक बार ही जांच के लिए कैंप लगाया गया है। उसके बाद कोई नहीं आया है।लुहारली गांव की सच्चाईलुहारली गांव के स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग भी जर्जर है। चारों तरफ गंदगी ही फैली हुई है। साथ ही आवारा पशु भी घूमते रहते हैं। प्रधान पति रीतिन भाटी ने बताया कि काफी समय पहले इसका निर्माण किया गया था। बीते लंबे समय से इस सेंटर पर कोई स्वास्थ्यकर्मी नहीं बैठा। देखरेख न होने की वजह से इसकी हालत खस्ता हो गई है। उन्होंने बताया कि केंद्र के जीर्णोद्धार की मांग प्रशासन से की गई है। कोरोना संकट के बीच एक तरफ जहां कई केंद्रों की बिल्डिंग जर्जर है तो वहीं कई पर ताले भी लटके हुए हैं। यहां के चिटहेरा, बंबावड़ समेत कई गांवों के उप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लटके हुए हैं। बंबावड़ गांव निवासी सतवीर नागर ने बताया कि करोना कि दूसरी लहर के बीच से केंद्र पर ताला लटका हुआ है। यहां पर 45 प्लस के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए दो कैंप लगाए गए थे, लेकिन फिलहाल कई बंद हैं। एक कैंप में स्वास्थ्य केंद्र पर न लगाकर स्कूल में लगाया गया था।बंबावड़ स्वास्थ्य केंद्र पर लटका तालामेडिकल सुपरिटंडेंट ने कहा-कई सेंटर बंद हैंदादरी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटंडेंट डॉ. संजीव सारस्वत का कहना है कि दादरी में 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। बाकी एएनएम सेंटर हैं। उन्होंने बताया कि आमका, बिसाहड़ा, छौलस, लुहारली, जारचा, घोडी-बछेड़ा, छिड़ौली और रायपुर गांव स्थित सेंटरों की बिल्डिंग की जानकारी प्रशासन ने मांगी गई थी। नई बिल्डिंग के निर्माण के लिए सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। जल्द निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की डयूटी कोविड 19 टीकाकरण में लगी हुई है। जिसकी वजह से कई सेंटर बंद है।