निशिकांत त्रिवेदी, लखनऊबीते वर्ष जब देश में कोरोना की पहली लहर आई थी तो जेलों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा था। इसी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदियों की अस्थाई रिहाई के निर्देश दिए थे। यूपी में मौजूद 71 जेलों में अब तक कुल 1660 सजायाफ्ता कैदी पैरोल पर रिहा किए जा चुके हैं। वहीं, 8463 विचाराधीन बंदी अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए हैं। मंगलवार को जेल विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया कि कोरोना की पहली लहर की तरह ही दूसरी लहर में भी बन्दियों को बचाने के लिए जेलों में भीड़ कम की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा सिद्धदोष बन्दियों तथा जनपद न्यायाधीश स्तर से विचाराधीन बन्दियों की रिहाई लगातार की जा रही है। आगे भी इसी तरह बंदियों की सुरक्षा की दृष्टि से रिहाई जारी रहेगी। 71 जेलों में अब तक 10 हजार 123 कैदियों की हो चुकी रिहाईमार्च 2020 से 25 मई 2021 तक उत्तर प्रदेश की 71 जेलों में बंद 10 हजार 123 कैदियों की रिहाई की जा चुकी है। जिनमें 8463 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया, जबकि 1660 सजायाफ्ता बंदियों को पैरोल पर रिहा किया गया है।किन जेलों से कितने कैदी रिहा किए गए24 मई को 151 बंदियों को छोड़ा गया, अब बचे हैं 1 लाख 6 हजार 26 कैदीउत्तर प्रदेश में सोमवार 24 मई को भी कोरोना संकट के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंदियों की रिहाई हुई। इस दौरान कुल 151 बंदियों को अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया। जिनमें 143 विचाराधीन कैदी हैं, जबकि 8 सजायाप्ता बंदी शामिल हैं। अब प्रदेश की 71 कारागारों में कुल 1 लाख 6 हजार 26 निरुद्ध बंदी बचे हैं।
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