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महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीणों के लिए फिर बना संजीवनी, लॉकडाउन में ग्रामीणों को गांव में ही मिल रहा रोजगार

वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ग्रामीण क्षेत्र के लिए संजीवनी बन गई है। ग्रामीणों को अपने गांव में ही रोजगार का अवसर मिल सके इसके लिए कबीरधाम जिला प्रशासन द्वारा संपूर्ण व्यवस्था करते हुए बड़े पैमाने में योजना अंतर्गत कार्य स्वीकृत किए गए जिसका परिणाम है कि आज कबीरधाम जिला ग्रामीणों को रोजगार देने के मामले में राज्य में दूसरे नंबर पर है । जिले के चारों विकास खंडों को मिलाकर 165000 से अधिक मजदूरों को रोजगार का अवसर औसतन प्रतिदिन प्राप्त हो रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बोड़ला में 46915, जनपद पंचायत कवर्धा में 35628, जनपद पंचायत पंडरिया में 42169 एवं जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा में 40452 पंजीकृत मजदूरों को आज की स्थिति में रोजगार प्राप्त हुआ है। जिले के 468 ग्राम पंचायतों में विभिन्न कार्य प्रगतिरत हैं जिसमें तालाब गहरीकरण कार्य, नया तालाब निर्माण कार्य, मिट्टी सड़क निर्माण कार्य, डबरी निर्माण कार्य, कच्ची नाली निर्माण के साथ-साथ सुराजी गांव योजना के अंतर्गत कराए जाने वाले नरवा के अंतर्गत जेवियन स्ट्रक्चर निर्माण, छोटे चेक डैम निर्माण, लूज़ बोल्डर चेक डैम, गाद निकासी जैसे अन्य कार्य किए जा रहे हैं। विभिन्न ग्राम पंचायतों में 409 कार्य प्रगति रथ हैं तथा इन कार्यों में पंजीकृत मजदूरों को नियमित रोजगार का अवसर मिल रहा है साथ ही समय में मजदूरी भुगतान हो जाने से ग्रामीणों को लॉकडाउन के दौरान आर्थिक परेशानी से बच रहे है। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी कबीरधाम जिले में ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार प्रदान करना का सिलसिला निरंतर जारी है। यही कारण है कि राज्य के 27 जिलों में राजनंदगांव के बाद सर्वाधिक रोजगार कबीरधाम के ग्रामीणों को प्राप्त हुआ है।