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मऊ कोर्ट से मुख्‍तार अंसारी ने कहा- ‘मेरी तबीयत खराब, जेल में दी जाए फिजियोथेरेपी की सुविधा’

मऊमऊ के विधायक मुख्तार अंसारी को फर्जी पते पर हासिल किए गए आर्म्स लाइसेंस मामले में बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। यह वर्चुअल पेशी मऊ की कोर्ट में हुई। अंसारी ने इस दौरान जेल में फिजियोथिरेपी की सुविधा नहीं दिए जाने की बात दोहराई है। उसने कहा कि यह सुविधा उसको जेल में देने के बाबत सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे रखा है। मुख्तार के वकील दारोगा सिंह ने ऑनलाइन आवेदन दाखिल कर मुख्तार अंसारी के स्वास्‍थ्‍य के बारे में अवगत करवाते हुए कुछ सुविधाओं को देने का निवेदन किया था। उनके आवेदन में इस बात का जिक्र किया गया था कि अंसारी ब्लड प्रेशर, शुगर, हाईपरटेंशन और कमर दर्द से पीड़ित है। हालांकि बांदा जेल में मुख्तार अंसारी को एयर कूलर और मच्छरदानी मुहैया करवा दी गई है। आवेदन में हार्ड बेड की जगह पर सीमेंटेड चबूतरा उपलब्ध होने की बात कही गई थी।Mau News: मुख्तार अंसार को जेल में मिला कूलर और मच्छरदानी, बेड और फिजियोथेरेपी की हुई मांगसिर्फ एक बार मिली फिजियोथिरेपिस्‍ट की सुविधा: वकीलमुख्तार अंसारी ने कोर्ट में इससे पहले भी स्वास्थ्य का हवाला देते हुए फिजियोथिरेपिस्‍ट उपलब्‍ध करवाने का निवेदन किया था। मुख्‍तार के वकील ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि जब से उनके क्लाइंट को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया है, तबसे उसे सिर्फ एक बार फिजियोथिरेपी की सुविधा मिली है।मुख्तार अंसारी की गुहार, ‘वकीलों और घर वालों से करवा दो बात, बैरक में दे दो TV’, वर्चुअल पेशी में छलका दर्दयह है पूरा मामलामऊ के दक्षिण टोला थाने में मुख्तार और उसके करीबियों पर एफआईआर दर्ज हुआ था। मुख्तार ने विधायक के लेटर पैड पर अपने कुछ करीबियों को आर्म्स लाइसेंस देने की पैरवी की थी। बाद में जांच में यह बात खुल कर सामने आई की लाइसेंस लेने वालों ने अपने पते गलत दर्ज करवाएं थे।

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