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उत्तर प्रदेश: अपनी सत्ता वापसी के लिए कमर कस रहे हैं अखिलेश यादव, रालोद के जयंत चौधरी भी होंगे साथ

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संक्रमण के दौरान एक टैग लाइन दी है कि ‘आपदा ही अवसर’ है। यह लाइन उनके अपने दल भाजपा को भले लाभ न पहुंचा रही हो, लेकिन विपक्षी दलों के लिए बड़ा अवसर बन रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में खड़ी हो रही सरकार विरोधी लहर से गदगद हैं। अखिलेश के करीबी एमएलसी संजय लाठर को तो 2022 में राज्य में सरकार बनती दिखाई दे रही है। लाठर कहते हैं कि राज्य के पंचायत चुनावों ने काफी कुछ साबित कर दिया हैं। सूबे की जनता उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार से बहुत नाराज है और इसका फायदा हमें मिलेगा।अखिलेश यादव सूझबूझ के साथ अपनी तैयारी कर रहे हैं। अखिलेश के करीबियों से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी से उनका संपर्क लगातार बना हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी भी उन्होंने अपने एक करीबी एमएलसी को सौंप दी है। मिल रहे संकेतों से साफ है कि 2022 में अखिलेश यादव पिछली गलतियों को न दोहराने को लेकर संवेदनशील हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबकुछ ठीक रहा तो वह जयंत चौधरी की रालोद के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
नजरें उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को लेकर लगभग सभी विपक्षी राजनीतिक दल चौकन्ना हैं। सभी को लग रहा है कि राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ-साथ भाजपा संगठन में भी फेरबदल कर सकती है। सपा के एक विधायक को तो ये भी लगता  है कि भाजपा को सही चेहरा मिल गया तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्थान पर उत्तराखंड की तरह उसे सीएम बना सकती है। वह तर्क देते हैं कि उत्तराखंड में ऐसा ही हुआ। उनका कहना है कि भाजपा ऐसा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तीन साल के कामकाज और कोरोना काल में हुई लापरवाही के चलते कर सकती है। ताकि जनता की नाराजगी को कम किया जा सके। हालांकि भाजपा खेमा इसे महज कल्पना बताता है। सपा विधायक बताते हैं कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष लगातार वर्चुअल और फोन के माध्यम से क्षेत्रीय नेताओं के संपर्क बने हुए हैं। समाजवादी पार्टी, युवजन सभा के कार्यकर्ता लोगों के साथ जुड़कर उनकी तकलीफों को कम करने में हाथ बंटा रहे हैं।
हमारे हाथ से सत्ता गई तो भाजपा आई, भाजपा जाएगी तो…
सपा नेताओं का कहना है कि चाहे विधानसभा चुनाव 2017 रहा हो या लोकसभा चुनाव 2019, उनका प्रदर्शन कांग्रेस और बसपा से अच्छा रहा है। पंचायत चुनाव में सपा ही पहले नंबर की पार्टी रही है। उसे राज्य की जनता ने ही बनाया है। इसलिए 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी रिकार्ड बहुमत लाकर सरकार बनाने जा रही है। इसका एक मात्र कारण योगी सरकार का एक-एक करके सभी मुद्दों पर फेल होना है।अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे सूत्र का कहना है कि भाजपा में तो इस समय अंदरूनी कलह मची है। उनके मंत्री, विधायक, कार्यकर्ता सब राज्य सरकार की कार्यशैली से नाराज हैं, जनता अलग त्रस्त है। इसका पूरा फायदा आगामी चुनाव में समाजवादी को मिलेगा। कांग्रेस के बारे में सूत्र का कहना है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तो केवल 10-12 सीटों के लिए राजनीति कर रही हैं। उन्हें इससे ज्यादा कुछ नहीं मिलने वाला है। रहा सवाल बसपा का तो जनता को अधिक समय तक अंधेरे में नहीं रख सकते। बताते हैं लॉकडाउन से पहले तक अखिलेश ने प्रदेश का खूब दौरा किया था। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद एक बार फिर जनसंपर्क अभियान को तेज किया जाएगा।