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ठग ने फौजी बन की कॉल, फ्लैट किराये पर लेने के नाम पर लगाई चपत

गाजियाबादअगर आप प्रॉपर्टी से जुड़ी वेबसाइट पर मकान किराये पर लगाने को लेकर पोस्ट डाल रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल ठगों ने अब ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। इस तरह की पोस्ट को देखकर जालसाज मकान किराये पर लेने के लिए मकान मालिक से संपर्क करते हैं और किराये के पैसे एडवांस में देने के नाम पर खाते में सेंध लगाते हैं। इस तरह की ठगी का एक मामला साइबर सेल के पास आया है। पीड़ित मेरठ के कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि घटना 29 अप्रैल की है। पीड़ित की तरफ से कई डिटेल दी गई है। उनकी शिकायत दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।इस तरह लगाई चपतमेरठ के एक कॉलेज में बतौर प्रिंसिपल तैनात पीड़ित का इंदिरापुरम में फ्लैट है। उन्होंने बताया कि एक प्रॉपर्टी वेबसाइट पर उन्होंने इस फ्लैट को रेंट पर लगाने को लेकर पोस्ट डाला था। इसे लेकर 29 अप्रैल को उनके पास एक कॉल आई। कॉलर ने अपना नाम विकास पटेल बताया और कहा कि वह भारतीय सेना में है। उसका हाल ही में ट्रांसफर हैदराबाद से दिल्ली हुआ है। वह दिल्ली-एनसीआर में किराये पर फ्लैट देख रहा था। उसने उनके फ्लैट की डिटेल देखी है और उसे वह किराये पर लेना चाहता है। उसने किराया एडवांस में देने की भी बात कही। फिर उसने एक आदमी को आर्मी अकाउंट ऑफिसर बताकर बात भी करवाई।साइबर सेल को ट्रांसफर किया गया मामलाइसके बाद उसने एडवांस भेजने से पहले खाता चेक करने के लिए 1 रुपये की पेमेंट एक क्यूआर कोड के जरिये भेजी। यह 1 रुपये अकाउंट में आने के बाद उसने कहा कि पूरी पेमेंट के लिए मैं एक और क्यूआर कोड भेज रहा हूं। उस क्यूआर कोड को लेकर प्रक्रिया करने के बाद उनके खाते से 4900 रुपये निकल गए। इसके बाद ठग ने उनके खाते में दिक्कत बताकर दूसरे अकाउंट में पेमेंट लेने की बात कही। इस पर उन्होंने अपने एक साथी का नंबर दिया। ठगों ने तीन बार में क्यूआर कोड के माध्यम से उस साथी के खाते से 39 हजार 600 रुपये निकाल लिए। उन्होंने मामले की शिकायत मेरठ में की। वहां से मामला साइबर सेल गाजियाबाद को ट्रांसफर कर दिया गया।ओएलएक्स वाली ठगी की लोगों हुई जानकारी तो बदला तरीकाबता दें कि ओएलएक्स व क्विकर पर फौजी बनकर सामान बेचने व खरीदने के नाम पर जालसाज लगातार ठगी कर रहे थे। इस संबंध में लगातार छपती खबरों व पुलिस की ओर से जागरूकता अभियान चलाने की वजह से लोग इससे सावधान होने लगे थे। इसे देखते हुए अब ठगों ने ठगी का तरीका भी बदल लिया है। अब जालसाजों की नजर प्रॉपर्टी वेबसाइट्स पर है। यहां प्रॉपर्टी किराये पर देने के लिए पोस्ट करने वालों को ठग शिकार बनाने लगे हैं। लोगों का विश्वास जीतने के लिए जालसाज आर्मी की फर्जी आईडी भेजते हैं और एडवांस के रूप में 1 रुपये ट्रांसफर भी कर देते हैं।इन बातों का रखें ध्यानकिसी प्रॉपर्टी साइट पर ऐड देने के बाद कोई संपर्क करे तो पेमेंट की बात फ्लैट दिखाने के बाद ही करें।कोई आर्मीमैन का आईडी या कैंटीन कार्ड भेजता है तो उसमें संबंधित विभाग को कॉल कर भी जानकारी कर सकते हैं।क्यूआर कोड को स्कैन करने के दौरान ध्यान रखें, फाइनल पेमेंट करने से पहले एक ऑप्शन को चेक करें, पेमेंट रिसीव कर रहे हैं या भेज रहे हैं।कोई आपके वॉलेट में दिक्कत बता दूसरा नंबर मांगे तो अलर्ट हो जाएं और अपने वॉलेट को घर पर ही चेक करें।जिसे मकान किराए पर दे रहे हैं उसके डॉक्युमेंट्स लेने के साथ वेरिफिकेशन के बाद ही फ्लैट दें।

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