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युवती की नृशंस हत्या में प्रेमी का पिता भी था शामिल, पुलिस ने दबोचा गिरफ्तार

prayagraj news : रचना शुक्ला (फाइल फोटो)।
– फोटो : prayagraj

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दारागंज में बेहद नृशंस तरीके से मौत के घाट उतारी गई रचना शुक्ला (20) की हत्या में उसके प्रेमी का पिता साजिद अली भी शामिल था। यह खुलासा करते हुए सिविल लाइंस पुलिस ने शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि आरोपी युवती की हत्या की साजिश में शामिल था और विवेचना के दौरान उसका नाम प्रकाश में आया। वारदात 2016 की है जब दारागंज में वेणीमाधव मंदिर गली निवासी रचना संदिग्ध हाल में गायब हो गई। परिजनों ने बख्शी निवासी सलमान व उसके कुछ साथियों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया लेकिन तीन साल तक पुलिस उसे ढूढ़ नहीं सकी। पिछले साल एसटीएफ ने खुलासा किया कि 16 अप्रैल की रात में ही हत्या करने के बाद रचना का शव प्रतापगढ़ के हथिगवां में कौशाम्बी से बनारस जाने वाले हाईवे के किनारे फेंक दिया गया था। हत्यारों ने पहचान छिपाने के लिए शव को बोरे में भरा और पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी।
एसटीएफ ने मृतका के प्रेमी सलमान और लकी पांडेय उर्फ लकी पंडा निवासी मीरागली को गिरफ्तार किया था जबकि हत्या में शामिल दो अन्य आरोपी अंजफ व शरीफ बाद में पकड़े गए। मुकदमा वादिनी मृतका की मां उमा शुक्ला ने दारागंज पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अप्लीकेशन दी। जिसके बाद विवेचना सिविल लाइंस इंस्पेक्टर को सौंप दी गई थी। इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विवेचना के दौरान सामने आए तथ्यों से पता चला कि हत्या की साजिश में मुख्य आरोपी सलमान का पिता साजिद निवासी बख्शी खुर्द भी शामिल था। जिसके बाद मुखबिर की सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अशरफ का करीबी है साजिद, असलहों का शौकीन
पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार किया गया साजिद अतीक अहमद के भाई अशरफ का बेहद करीबी है। अशरफ के साथ उसकी कई तस्वीरें मिली हैं। यही नहीं वह असलहों का भी बेहद शौकीन है। हालांकि अशरफ से अपने रिश्तों के बारे में पूछने पर वह साफ इंकार करता रहा। लेकिन जब उससे तस्वीरों के बाबत पूछा गया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। 
लापरवाही: छह विवेचक चार साल तक नहीं ढूढ़ पाए युवती का सुराग
रचना शुक्ला के परिजनों को जितना दर्द उसके हत्यारों ने दिया, उससे कहीं ज्यादा पीड़ा उन्हें दारागंज पुलिस की कार्यप्रणाली से पहुंची। लापरवाही का आलम यह रहा कि एक एसओ समेत छह विवेचक चार साल तक उस युवती का पता नहीं लगा पाए, जिसकी गायब होने के कुछ घंटों बाद ही हत्या कर दी गई थी। गौरतलब है कि केस दर्ज होने के बाद से एसआई सभाजीत मिश्रा, मोइनुद्दीन खां, शिवचरन राम, कमलेश कुमार, महावीर प्रसाद व आशुतोष तिवारी ने विवेचना की। लेकिन लापरवाही ऐसी कि विवेचना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी। बूढ़ी मां बेटी को तलाशने की गुहार लगाती रही और बार-बार उसे थाने से भगाया जाता रहा। आरोप यह भी है कि थाने जाने पर भाई को ही झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया।

विस्तार

दारागंज में बेहद नृशंस तरीके से मौत के घाट उतारी गई रचना शुक्ला (20) की हत्या में उसके प्रेमी का पिता साजिद अली भी शामिल था। यह खुलासा करते हुए सिविल लाइंस पुलिस ने शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि आरोपी युवती की हत्या की साजिश में शामिल था और विवेचना के दौरान उसका नाम प्रकाश में आया। 

वारदात 2016 की है जब दारागंज में वेणीमाधव मंदिर गली निवासी रचना संदिग्ध हाल में गायब हो गई। परिजनों ने बख्शी निवासी सलमान व उसके कुछ साथियों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया लेकिन तीन साल तक पुलिस उसे ढूढ़ नहीं सकी। पिछले साल एसटीएफ ने खुलासा किया कि 16 अप्रैल की रात में ही हत्या करने के बाद रचना का शव प्रतापगढ़ के हथिगवां में कौशाम्बी से बनारस जाने वाले हाईवे के किनारे फेंक दिया गया था। हत्यारों ने पहचान छिपाने के लिए शव को बोरे में भरा और पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी।

prayagraj news : रचना शुक्ला की हत्या में गिरफ्तार आरोपी।
– फोटो : prayagraj

एसटीएफ ने मृतका के प्रेमी सलमान और लकी पांडेय उर्फ लकी पंडा निवासी मीरागली को गिरफ्तार किया था जबकि हत्या में शामिल दो अन्य आरोपी अंजफ व शरीफ बाद में पकड़े गए। मुकदमा वादिनी मृतका की मां उमा शुक्ला ने दारागंज पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अप्लीकेशन दी। जिसके बाद विवेचना सिविल लाइंस इंस्पेक्टर को सौंप दी गई थी। इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विवेचना के दौरान सामने आए तथ्यों से पता चला कि हत्या की साजिश में मुख्य आरोपी सलमान का पिता साजिद निवासी बख्शी खुर्द भी शामिल था। जिसके बाद मुखबिर की सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

क्राइम
– फोटो : फाइल फोटो

अशरफ का करीबी है साजिद, असलहों का शौकीन
पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार किया गया साजिद अतीक अहमद के भाई अशरफ का बेहद करीबी है। अशरफ के साथ उसकी कई तस्वीरें मिली हैं। यही नहीं वह असलहों का भी बेहद शौकीन है। हालांकि अशरफ से अपने रिश्तों के बारे में पूछने पर वह साफ इंकार करता रहा। लेकिन जब उससे तस्वीरों के बाबत पूछा गया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। 
लापरवाही: छह विवेचक चार साल तक नहीं ढूढ़ पाए युवती का सुराग
रचना शुक्ला के परिजनों को जितना दर्द उसके हत्यारों ने दिया, उससे कहीं ज्यादा पीड़ा उन्हें दारागंज पुलिस की कार्यप्रणाली से पहुंची। लापरवाही का आलम यह रहा कि एक एसओ समेत छह विवेचक चार साल तक उस युवती का पता नहीं लगा पाए, जिसकी गायब होने के कुछ घंटों बाद ही हत्या कर दी गई थी। गौरतलब है कि केस दर्ज होने के बाद से एसआई सभाजीत मिश्रा, मोइनुद्दीन खां, शिवचरन राम, कमलेश कुमार, महावीर प्रसाद व आशुतोष तिवारी ने विवेचना की। लेकिन लापरवाही ऐसी कि विवेचना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी। बूढ़ी मां बेटी को तलाशने की गुहार लगाती रही और बार-बार उसे थाने से भगाया जाता रहा। आरोप यह भी है कि थाने जाने पर भाई को ही झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया।