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महीने भर में भी रिपोर्ट नहीं… कह रहे हैं संक्रमण दर हो गई कम

अप्रैल में सैंपल देने वाले अब तक कर रहे हैं रिपोर्ट आने का इंतजार, हेल्पलाइन से भी नहीं मिल रहा कोई जवाबबगैर टेस्ट रिपोर्ट कोरोना संक्रमितों को ट्रेस और ट्रीट करने के फार्मूले पर भी उठे सवाल
बरेली। स्वास्थ्य विभाग का कोरोना संक्रमण की दर कम होने का दावा भी सवालों के घेरे में है। दरअसल एक तरफ संक्रमण की दर नीचे आती दिख रही है लेकिन दूसरी तरफ कोविड टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार भी और लंबा होता जा रहा है। हालत यह है कि सैकड़ों लोग महीने भर बाद भी रिपोर्ट आने के इंतजार में क्वारंटीन हैं। कुछ ही दिन पहले सीएमओ ने सैंपलिंग इंचार्ज बदलकर शत-प्रतिशत रिपोर्ट जारी किए जाने का दावा किया था लेकिन अब हालात और बदतर हो गए हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 12 मई को बरेली आए थे तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट का मंत्र दे गए थे। सीएमओ ने इसी के बाद सैंपलिंग इंचार्ज को बदलकर टेस्ट रिपोर्ट की लेटलतीफी खत्म करने का दावा किया था। संक्रमण की दर भी इसके बाद 36 फीसदी से घटकर दो फीसदी से भी नीचे आ चुकी है लेकिन अब इस पर सवाल उठ रहे हैं। हर रोज शत-प्रतिशत रिपोर्ट जारी किए जाने के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के दावे को कोविड कमांड सेंटर की ओर से जारी कोविड मॉनीटरिंग रिपोर्ट ही खारिज कर रही है।इस रिपोर्ट के आंकड़ों की एक बानगी यह है कि 28 मई को जिले भर में 6929 लोगों के सैंपल लिए गए मगर रिपोर्ट जारी हुई सिर्फ 6364 लोगों की। यानी 565 लोगों की जांच रिपोर्ट अब तक आनी बाकी है। हद यह है कि इसमें न सिर्फ आरटीपीसीआर बल्कि ट्रूनेट जांच को भी लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट लंबित दिखाई जा रही है। तमाम लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने एंटीजन जांच कराई थी और उनका रिपीट आरटीपीसीआर सैंपल लिया गया था मगर उनकी रिपोर्ट भी अब तक नहीं मिली है। लोग हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल कर रिपोर्ट की जानकारी मांग रहे हैं लेकिन वहां से भी उन्हें कोई ठीक जवाब नहीं मिल रहा है।
29 अप्रैल को दिए सैंपल की अब तक नहीं आई रिपोर्ट, अब पोर्टल पर पेंडिंग भी नहीं
पवन विहार की रहने वाली गायत्री गुप्ता और दीपाली गर्ग ने 29 अप्रैल को आरटीपीसीआर जांच के लिए बिथरी चैनपुर स्वास्थ्य केंद्र पर सैंपल दिया था। उसी दिन दीपाली की एंटीजन जांच भी की गई जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। आरटीपीसीआर की रिपोर्ट अब तक नहीं आई। दो दिन पहले तक यह रिपोर्ट पोर्टल पर पेंडिंग दिखती रही, अब आरटीपीसीआर सैंपल के लंबित होने का ब्योरा भी पोर्टल से हटा दिया गया था। सिर्फ यही नहीं गायत्री और दीपाली इसलिए भी हैरत में हैं क्योंकि उन दोनों की अलग-अलग तारीखों में चार बार एंटीजन रिपोर्ट पोर्टल पर जारी की गई है जबकि गायत्री ने एंटीजन जांच कराई ही नहीं थी। इसी तरह पवन विहार के दो युवकों की भी अप्रैल में दिए गए आरटीपीसीआर सैंपल की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है।