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बसपा नेता पर अपहरण कर पिटवाने का आरोप, पीड़ित की मदद को आगे आए भाजपा विधायक

लखीमपुर खीरी में बसपा नेता के दामाद के अस्पताल पर शनिवार शाम चल रही पार्टी के दौरान सेल्फी लेने पर हंगामा गया। बसपा नेता मोहन वाजपेयी के साथी रहे सतीश राजपूत ने बसपा नेता पर ही अपहरण कर उन्हें पीटने का आरोप लगाया है।सदर के भाजपा विधायक भी बसपा नेता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वादी की मदद करने पहुंचे थे। इस बीच विधायक का पुलिस को धमकाने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। मोहल्ला कमलापुर निवासी सतीश राजपूत ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि बसपा नेता मोहन वाजपेयी से मिलने उनके दामाद के गोला रोड पर स्थित अस्पताल गया था, जहां पर बसपा के कई अन्य नेता बैठे थे। वहां पर सेल्फी खींचने को लेकर मोहन वाजपेयी से विवाद हो गया। इसके बाद बसपा नेता मोहन वाजपेयी और उनके साथी जसवंत अरोड़ा व शिवम श्रीवास्तव उन्हें बंधक बनाकर गाड़ी से अपने बरखेरवा स्थित आवास पर ले गए। आरोप है कि बसपा नेता और उनके दोनों साथियों ने जमकर पीटा। इसके बाद वह किसी तरह जान बचाकर भागा और फिर रात करीब 9.30 बजे कोतवाली पहुंचा।
आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में हीला हवाली की। इस बीच सदर विधायक योगेश वर्मा भी रात करीब 11 बजे सदर कोतवाली पहुंच गए। विधायक ने सतीश की पैरवी करते हुए पुलिस वालों को खरी खोटी सुनाई। इस दौरान विधायक अपना आपा खोकर पुलिस अधिकारियों पर अभद्र टिप्पणी भी कर बैठे, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसके बाद पुलिस ने वादी सतीश राजपूत की तहरीर के मुताबिक बसपा नेता मोहन वाजपेयी, जसवंत अरोड़ा, शिवम श्रीवास्तव के खिलाफ अपहरण और मारपीट, एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इसके साथ ही पुलिस पर गिरफ्तारी करने का दबाव बढ़ने लगा है। प्रभारी निरीक्षक प्रभातेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बसपा नेता मोहन वाजपेयी समेत तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। वादी का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। मामले में साक्ष्य जुटाने की कार्रवाई की जा रही है, जिसके बाद गिरफ्तारी की जाएगी। इस संबंध में सदर विधायक योगेश वर्मा से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल बंद मिला।वादी ने बसपा नेता मोहन वाजपेयी और उनके साथियों पर अपहरण करके पीटने  का आरोप लगाया है, जिसमें कार्रवाई की जा रही है। अभी तक सेल्फी खींचने को लेकर विवाद होने की बात सामने आई है। कोतवाली पुलिस मामले की जांच करके आवश्यक कार्रवाई करेगी।- अरविंद कुमार वर्मा, सीओ सिटी
विधायक के कोतवाली जाने के प्रकरण की जानकारी नहीं है। इनका एक वीडियो वायरल होने की सूचना जरूर है। पूरे प्रकरण के बारे में जानकारी करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।-सुनील सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपापिस्टल बरामदगी के मामले में जेल जाने के बाद हमने बना ली थी सतीश से दूरीसतीश चुनाव के दौरान मदद करने आता था। कुछ महीने पहले वह पिस्टल बरामदगी के मामले में जेल जा चुका है, जिसके बाद से हमने उससे दूरी बना ली थी। शनिवार को बसपा जिलाध्यक्ष के घरेलू कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दामाद के हॉस्पिटल पर पहुंचा था। वहीं पर बसपा के अन्य नेता भी मौजूद थे। इसी दौरान करीब सात बजे सतीश राजपूत अपने दो साथियों के साथ आया। सेल्फी खिंचाने के लिए कहा। मना करने पर वह गाली-गलौज करने लगा। उसे रोकने की कोशिश की गई तो फायरिंग करके भाग निकला। इसके बाद फोन पर भी सतीश ने गाली-गलौज की।रात करीब 9.30 बजे सतीश अपने पिता के साथ बरखेरवा मोहल्ला स्थित आवास पर आए और विवाद के लिए माफी मांगी। इस दौरान पुलिस का फोन आया तो उन्हें भी सतीश के बारे में जानकारी दी। इसके बाद राजनीति से प्रेरित होकर हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। हमें और हमारे परिवार की जानमाल का खतरा बना हुआ है, जिससे यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो सदर विधायक ही जिम्मेदार होंगे।- मोहन वाजपेयी, बसपा नेता
बसपा नेता पर पहले से दर्ज हैं आधा दर्जन से अधिक मामलेबसपा नेता मोहन वाजपेयी पर पहले से कई मामले दर्ज हैं। ज्यादातर में संगीन धाराएं लगी हैं। सभी मामले 2017 के बाद दर्ज हुए हैं और इसके लिए मोहन वाजपेयी ने सदर विधायक को जिम्मेदार बताया है। मोहन वाजपेयी ने बताया कि 2017 में मेरे बेटे के अपहरण की साजिश रची गई थी, जिसमें विधायक के नजदीकी आरोपी जेल गए थे। इसके बाद से सदर विधायक के इशारे पर सात मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। ज्यादातर मामलों में मारपीट और बलवा के आरोप हैं।

विस्तार

लखीमपुर खीरी में बसपा नेता के दामाद के अस्पताल पर शनिवार शाम चल रही पार्टी के दौरान सेल्फी लेने पर हंगामा गया। बसपा नेता मोहन वाजपेयी के साथी रहे सतीश राजपूत ने बसपा नेता पर ही अपहरण कर उन्हें पीटने का आरोप लगाया है।

सदर के भाजपा विधायक भी बसपा नेता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वादी की मदद करने पहुंचे थे। इस बीच विधायक का पुलिस को धमकाने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

मोहल्ला कमलापुर निवासी सतीश राजपूत ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि बसपा नेता मोहन वाजपेयी से मिलने उनके दामाद के गोला रोड पर स्थित अस्पताल गया था, जहां पर बसपा के कई अन्य नेता बैठे थे। वहां पर सेल्फी खींचने को लेकर मोहन वाजपेयी से विवाद हो गया।
इसके बाद बसपा नेता मोहन वाजपेयी और उनके साथी जसवंत अरोड़ा व शिवम श्रीवास्तव उन्हें बंधक बनाकर गाड़ी से अपने बरखेरवा स्थित आवास पर ले गए। आरोप है कि बसपा नेता और उनके दोनों साथियों ने जमकर पीटा। इसके बाद वह किसी तरह जान बचाकर भागा और फिर रात करीब 9.30 बजे कोतवाली पहुंचा।

आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में हीला हवाली की। इस बीच सदर विधायक योगेश वर्मा भी रात करीब 11 बजे सदर कोतवाली पहुंच गए। विधायक ने सतीश की पैरवी करते हुए पुलिस वालों को खरी खोटी सुनाई। इस दौरान विधायक अपना आपा खोकर पुलिस अधिकारियों पर अभद्र टिप्पणी भी कर बैठे, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसके बाद पुलिस ने वादी सतीश राजपूत की तहरीर के मुताबिक बसपा नेता मोहन वाजपेयी, जसवंत अरोड़ा, शिवम श्रीवास्तव के खिलाफ अपहरण और मारपीट, एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इसके साथ ही पुलिस पर गिरफ्तारी करने का दबाव बढ़ने लगा है। प्रभारी निरीक्षक प्रभातेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बसपा नेता मोहन वाजपेयी समेत तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। वादी का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। मामले में साक्ष्य जुटाने की कार्रवाई की जा रही है, जिसके बाद गिरफ्तारी की जाएगी। इस संबंध में सदर विधायक योगेश वर्मा से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल बंद मिला।वादी ने बसपा नेता मोहन वाजपेयी और उनके साथियों पर अपहरण करके पीटने  का आरोप लगाया है, जिसमें कार्रवाई की जा रही है। अभी तक सेल्फी खींचने को लेकर विवाद होने की बात सामने आई है। कोतवाली पुलिस मामले की जांच करके आवश्यक कार्रवाई करेगी।- अरविंद कुमार वर्मा, सीओ सिटी

विधायक के कोतवाली जाने के प्रकरण की जानकारी नहीं है। इनका एक वीडियो वायरल होने की सूचना जरूर है। पूरे प्रकरण के बारे में जानकारी करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।-सुनील सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपापिस्टल बरामदगी के मामले में जेल जाने के बाद हमने बना ली थी सतीश से दूरी
सतीश चुनाव के दौरान मदद करने आता था। कुछ महीने पहले वह पिस्टल बरामदगी के मामले में जेल जा चुका है, जिसके बाद से हमने उससे दूरी बना ली थी। शनिवार को बसपा जिलाध्यक्ष के घरेलू कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दामाद के हॉस्पिटल पर पहुंचा था। वहीं पर बसपा के अन्य नेता भी मौजूद थे। इसी दौरान करीब सात बजे सतीश राजपूत अपने दो साथियों के साथ आया। सेल्फी खिंचाने के लिए कहा। मना करने पर वह गाली-गलौज करने लगा। उसे रोकने की कोशिश की गई तो फायरिंग करके भाग निकला। इसके बाद फोन पर भी सतीश ने गाली-गलौज की।रात करीब 9.30 बजे सतीश अपने पिता के साथ बरखेरवा मोहल्ला स्थित आवास पर आए और विवाद के लिए माफी मांगी। इस दौरान पुलिस का फोन आया तो उन्हें भी सतीश के बारे में जानकारी दी। इसके बाद राजनीति से प्रेरित होकर हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। हमें और हमारे परिवार की जानमाल का खतरा बना हुआ है, जिससे यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो सदर विधायक ही जिम्मेदार होंगे।- मोहन वाजपेयी, बसपा नेता