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बांदा जेल से मुख्तार अंसारी की हुई बड़े भाई से बात, पर पत्नी से नहीं… ये है वजह

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मऊपिछले दिनों मऊ कोर्ट में वर्चुअल पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने जेल मैन्युअल के अनुसार उसको सुविधाओं को देने के साथ ही नियमानुसार परिजन और वकीलों से बात करवाने की गुहार लगाई थी। इस बीच बांदा जेल प्रशासन ने उसकी बात बड़े भाई से तो करवाई है, लेकिन उसकी वकीलों से अभी भी बात नहीं कराई गई है। मुख्तार अंसारी के वकील दारोगा सिंह ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि उनके क्लाइंट मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में पेशी के दौरान अपील की थी कि उनको जेल मैन्युअल के अनुसार परिजन और वकीलों से बात करवाई जाए। इसके लिए मुख्तार अंसारी ने दो नंबर भी जेल प्रशासन को दर्ज करवाया था। पहला नंबर उसके बड़े भाई बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी का था और दूसरा नंबर उसकी पत्नी अफशां अंसारी का दिया गया था। जेल प्रशासन ने दोनों नंबर को वेरीफाई करने के बाद अफजाल अंसारी से मुख्तार की बात करवा दी, लेकिन अफशां अंसारी से मुख्तार से बात नहीं कराई गई। अफशां अंसारी का नंबर जेल प्रशासन को वेरिफिकेशन में एक्टिव नहीं मिला। ऐसा जेल प्रशासन का दावा है। मुख्तार अंसारी को उसके वकीलों से भी बात नहीं करवाई गई। Mukhtar Ansari News: मऊ कोर्ट से मुख्‍तार अंसारी ने कहा- ‘मेरी तबीयत खराब, जेल में दी जाए फिजियोथेरेपी की सुविधा’बताते चलें कि अपने विधायक के लेटर पैड पर अंसारी ने अपने करीबियों को आर्म्स लाइसेंस देने की पैरवी की थी। मऊ जिला प्रशासन ने लाइसेंस जारी भी कर दिया। इसके बाद में वेरिफिकेशन के दौरान यह बात सामने आई कि जिन लोगों को असलहों का लाइसेंस दिया गया हैं, उन्होंने अपने पते गलत दर्ज करवाए हैं। इसी को आधार बना अंसारी और उसके करीबियों पर आर्म्स ऐक्ट और अन्य धाराओं में दक्षिकटोला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।