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उत्तर प्रदेश: राज्य में कोरोना कुप्रबंधन को गांव-गांव में मुद्दा बना रही है समाजवादी पार्टी

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उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को चुनौती देने के लिए समाजवादी पार्टी कमर कसकर तैयार है। पार्टी के तेवरों से साफ लग रहा है कि वह कोरोना संक्रमण काल में उत्तर प्रदेश सरकार के कुप्रबंधन को पश्चिम से पूरब तक सबसे प्रमुख मुद्दा बनाने जा रही है। पश्चिम में राष्ट्रीय लोकदल का साथ समाजवादी पार्टी की ताकत बढ़ा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय लाठर कहते हैं कि आखिर बचा ही क्या? महानगरों का संक्रमण गांवों तक पहुंच गया। एक-एक गांव में 20-25 लोगों ने जान गंवाई है।संजय लाठर कहते हैं कि हम तो विधानसभा और विधान परिषद के सत्र में राज्य सरकार से सवाल पूछेंगे। इतना ही नहीं यह 2022 में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा भी है। लाठर कहते हैं कि समाजवादी पार्टी इस मामले को गांव-गाव में जनता के बीच में लेकर जाकर रही है। समाजवादी पार्टी के एक अन्य नेता सुशील दूबे का कहना है कि इस बार कोरोना के संक्रमण ने हर गांव में लोगों के भीतर डर बैठा दिया। यह उत्तर प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार की नाकामी का नतीजा है। इस मुद्दे पर अभी हम सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के संपर्क में हैं, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद गांव-गांव संपर्क करके लोगों को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी।
कोरोना का प्रहार, फेल है उत्तर प्रदेश सरकार
समाजवादी पार्टी का नया नारा ‘कोरोना का प्रहार, फेल है उत्तर प्रदेश सरकार।’ इस नारे को जुलाई महीने से पूरे प्रदेश में पहुंचाने की योजना है। बताते हैं कि जिला मुख्यालयों से लेकर ब्लाक और तहसील स्तर तक राज्य सरकार की पोल खोलने की तैयारी है। इसे ध्यान में रखकर ही मई 2021 के समाजवादी बुलेटिन में पार्टी ने कोरोना पर ही मुख्य फोकस किया है। इसमें कोरोना से हुई मौत को नर संहार बताया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां पर फोकस है। कोरोना संक्रमण का शिकार हुए राष्ट्रीय लोकदल के नेता चौधरी अजीत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई है। इसके अलावा पंचायत चुनाव के नतीजों को विधानसभा 2022 का संदेश बताया गया है।समाजवादी बुलेटिन में योगी सरकार के फेल होने का क्रमवार विवरण हैं। पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश सरकार के समय में लिए गए प्रभावी निणयों और उठाए गए कदमों के कारण ही कोरोना संक्रमितों को थोड़ी राहत मिल पाई। कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण पर केन्द्रित मैगजीन के सहारे पार्टी ने अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को भी संदेश भेजने की तैयारी की है।