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कांग्रेस कार्यालय पर हुई मारपीट का मामला पहुंचा प्रदेश मुख्यालय

ग्रेस कार्यालय पर सोमवार को दो पदाधिकारियों के बीच हुई मारपीट का मामला प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंच गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने गंगापार अध्यक्ष सुरेश यादव और पार्षद दल के अध्यक्ष मुकुंद तिवारी को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। दो दिनों में उन्हें रिपोर्ट भेजनी है। पार्टी कार्यालय में सोमवार को कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अरशद अली वारसी और शहर कमेटी के सचिव इरशाद उल्ला के बीच कहासुनी के बाद मारपीट हुई। इस दौरान पुलिस भी पहुंच गई थी। हालांकि, बाद में पार्टी के दूसरे नेताओं ने पहुंचकर मामले का शांत करा दिया था। लेकिन, प्रदेश मुख्यालय की ओर से इसे बहुत ही गंभीरता से लिया गया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद मारपीट करने वाले नेताओं पर प्रदेश हाईकमान की ओर से गाज गिर सकती है। प्रदेश अध्यक्ष ने मामले की पूरी रिपोर्ट उन्हें भेजने को कहा है। पूछा गया है कि आखिर प्रदर्शन के दौरान ऐसा क्या हुआ, जो दो पदाधिकारी आपस में भिड़े । हालांकि, कुछ नेताओं की ओर से मामले को दबाने की कोशिश भी की जा रही है। लेकिन, पार्टी कार्यालय में जिस तरह से दोनों पदाधिकारियों में मारपीट, गाली-गलौज हुआ, उसे बहुत ही गंभीरता से लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगले साल विधान सभा का चुनाव है। पदाधिकारी ऐसे भिड़ेंगे तो लड़ाई मुश्किल होगी।

चौक स्थित शहर कांग्रेस कार्यालय पर सोमवार को दो पदाधिकारियों के बीच हुई मारपीट का मामला प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंच गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने गंगापार अध्यक्ष सुरेश यादव और पार्षद दल के अध्यक्ष मुकुंद तिवारी को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। दो दिनों में उन्हें रिपोर्ट भेजनी है। पार्टी कार्यालय में सोमवार को कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अरशद अली वारसी और शहर कमेटी के सचिव इरशाद उल्ला के बीच कहासुनी के बाद मारपीट हुई। इस दौरान पुलिस भी पहुंच गई थी। हालांकि, बाद में पार्टी के दूसरे नेताओं ने पहुंचकर मामले का शांत करा दिया था। लेकिन, प्रदेश मुख्यालय की ओर से इसे बहुत ही गंभीरता से लिया गया है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद मारपीट करने वाले नेताओं पर प्रदेश हाईकमान की ओर से गाज गिर सकती है। प्रदेश अध्यक्ष ने मामले की पूरी रिपोर्ट उन्हें भेजने को कहा है। पूछा गया है कि आखिर प्रदर्शन के दौरान ऐसा क्या हुआ, जो दो पदाधिकारी आपस में भिड़े । हालांकि, कुछ नेताओं की ओर से मामले को दबाने की कोशिश भी की जा रही है। लेकिन, पार्टी कार्यालय में जिस तरह से दोनों पदाधिकारियों में मारपीट, गाली-गलौज हुआ, उसे बहुत ही गंभीरता से लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगले साल विधान सभा का चुनाव है। पदाधिकारी ऐसे भिड़ेंगे तो लड़ाई मुश्किल होगी।

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