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कोरोना ने परिवार को उजाड़ा… आओ हम सब करें मदद

कोरोना ने हर वर्ग को दुख दिया किसी का परिवार उजड़ा तो किसी का सुहागने अभियान अपनत्व के तहत ऐसे परिवारों को ढूंढना शुरू किया, जिसमें किसी बच्चे ने मां को खोया तो किसी के सिर से पिता का साया उठ गया। हमारी प्रयास ऐसे बच्चों की मदद करना है, जिससे वह अपने को कमजोर न समझे। आप भी इस कार्य में ऐसे बच्चों की मदद कर सकते हैं।
दो बच्चों की परवरिश और घर चलाना हो रहा मुश्किल
इज्जतनगर थाना क्षेत्र के बैसपुर गुलरिया रस्कूलनिशा के रहने वाले संजीव कुमार (40) किराना की दुकान चलाते थे। तबियत खराब होने पर उनकी जांच कराई गई, जिसमें वह कोरोना संक्रमित मिले। डॉक्टर की सलाह पर दो मई को उन्हें 300 बेड कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। चार मई को उनका निधन हो गया। पत्नी ब्रिज कुमारी ने बताया कि पति की मौत के बाद बेटा रजत पटेल (13) और राजवीर पटेल (9) की परवरिश करने के साथ घर चलाने में बड़ी समस्या आ रही है। पति की मौत के बाद आय का श्रोत बंद हो गया बेटा यदि दुकान पर बैठेगा तो पढ़ाई बाधित होगी।
पति की मौत से उजड़ गया घर
शहर के कोहाड़ापीर निवासी मनोज अग्रवाल गिफ्ट की दुकान चलाते थे। परिजन के मुताबिक दुकान पर तबियत खराब होने पर उन्होंने जांच कराई गई, जिसमें कोरोना संक्रमित मिले। परिजन ने कोविड अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन बेड नहीं मिला तो शहर विधायक से सिफारिश लगवाकर 300 बेड कोविड अस्पताल में 21 अप्रैल को भर्ती कराया गया, लेकिन 23 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। पत्नी सोनिका ने बताया कि छह साल पहले बेटे की मौत और अब पति की मौत से उसका घर उजड़ गया। आमदनी का जरिया बंद हो जाने से बेटे सिद्धार्थ (13) की परवरिश और घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है।
कौन संभालेगा घर और बच्चे
शहर के कर्मचारी नगर निवासी राजीव कुमार सक्सेना जनरल स्टोर चलाते थे। बीमार पड़ने पर उनकी जांच कराई गई, जिसमें वह कोरोना संक्रमित मिले। परिजन ने चार मई को उन्हें 300 बेड कोविड अस्पताल में भर्ती कराया। जहां छह मई को उनकी मौत हो गई। पति की अचानक मौत से पत्नी मंजू सक्सेना को ऐसा झटका लगा की वह अब भी उबर नहीं पाई हैं। पूछने पर बताया कि कुछ साल पहले ससुर का निधन हो गया था तो पति ने घर संभाल लिया, लेकिन अब कौन संभालेगा। उन्होंने बताया कि दो बच्चों में बेटा कृष्णा (13) और बेटी परी (4) की परवरिश व घरेलू खर्चा कैसे चलेगा इससे वह परेशान हैं।
कैसे बच्चों को पढ़ाएगी और कैसे चलाएंगे घर
शहर के राजेंद्र नगर के रहने वाले रविकांत मिश्रा टेंपो चलाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। तबियत खराब होने पर जांच कराई तो कोरोना संक्रमित मिले। स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें 23 अप्रैल को निजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान दो मई को उनकी मौत हो गई। पत्नी गौरी मिश्रा ने कहा कि पति की मौत से उसका परिवार उजड़ गया। परिवार की आय का श्रोत बंद हो गया तो बेटा भी काफी छोटा है वह टेंपो चला नहीं सकता। ऐसे में अब वह बेटी भूमिका (15) और बेटा गर्व (9) की परवरिश के अलावा घर का खर्चा कैसे चलाएगी, इसी बात को सोचकर परेशान हैं।

बरेली। कोरोना ने हर वर्ग को दुख दिया किसी का परिवार उजड़ा तो किसी का सुहाग।  ने अभियान अपनत्व के तहत ऐसे परिवारों को ढूंढना शुरू किया, जिसमें किसी बच्चे ने मां को खोया तो किसी के सिर से पिता का साया उठ गया। हमारी प्रयास ऐसे बच्चों की मदद करना है, जिससे वह अपने को कमजोर न समझे। आप भी इस कार्य में ऐसे बच्चों की मदद कर सकते हैं।

दो बच्चों की परवरिश और घर चलाना हो रहा मुश्किल
इज्जतनगर थाना क्षेत्र के बैसपुर गुलरिया रस्कूलनिशा के रहने वाले संजीव कुमार (40) किराना की दुकान चलाते थे। तबियत खराब होने पर उनकी जांच कराई गई, जिसमें वह कोरोना संक्रमित मिले। डॉक्टर की सलाह पर दो मई को उन्हें 300 बेड कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। चार मई को उनका निधन हो गया। पत्नी ब्रिज कुमारी ने बताया कि पति की मौत के बाद बेटा रजत पटेल (13) और राजवीर पटेल (9) की परवरिश करने के साथ घर चलाने में बड़ी समस्या आ रही है। पति की मौत के बाद आय का श्रोत बंद हो गया बेटा यदि दुकान पर बैठेगा तो पढ़ाई बाधित होगी।

शहर के कोहाड़ापीर निवासी मनोज अग्रवाल गिफ्ट की दुकान चलाते थे। परिजन के मुताबिक दुकान पर तबियत खराब होने पर उन्होंने जांच कराई गई, जिसमें कोरोना संक्रमित मिले। परिजन ने कोविड अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन बेड नहीं मिला तो शहर विधायक से सिफारिश लगवाकर 300 बेड कोविड अस्पताल में 21 अप्रैल को भर्ती कराया गया, लेकिन 23 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। पत्नी सोनिका ने बताया कि छह साल पहले बेटे की मौत और अब पति की मौत से उसका घर उजड़ गया। आमदनी का जरिया बंद हो जाने से बेटे सिद्धार्थ (13) की परवरिश और घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है।
कौन संभालेगा घर और बच्चे
शहर के कर्मचारी नगर निवासी राजीव कुमार सक्सेना जनरल स्टोर चलाते थे। बीमार पड़ने पर उनकी जांच कराई गई, जिसमें वह कोरोना संक्रमित मिले। परिजन ने चार मई को उन्हें 300 बेड कोविड अस्पताल में भर्ती कराया। जहां छह मई को उनकी मौत हो गई। पति की अचानक मौत से पत्नी मंजू सक्सेना को ऐसा झटका लगा की वह अब भी उबर नहीं पाई हैं। पूछने पर बताया कि कुछ साल पहले ससुर का निधन हो गया था तो पति ने घर संभाल लिया, लेकिन अब कौन संभालेगा। उन्होंने बताया कि दो बच्चों में बेटा कृष्णा (13) और बेटी परी (4) की परवरिश व घरेलू खर्चा कैसे चलेगा इससे वह परेशान हैं।
कैसे बच्चों को पढ़ाएगी और कैसे चलाएंगे घर
शहर के राजेंद्र नगर के रहने वाले रविकांत मिश्रा टेंपो चलाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। तबियत खराब होने पर जांच कराई तो कोरोना संक्रमित मिले। स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें 23 अप्रैल को निजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान दो मई को उनकी मौत हो गई। पत्नी गौरी मिश्रा ने कहा कि पति की मौत से उसका परिवार उजड़ गया। परिवार की आय का श्रोत बंद हो गया तो बेटा भी काफी छोटा है वह टेंपो चला नहीं सकता। ऐसे में अब वह बेटी भूमिका (15) और बेटा गर्व (9) की परवरिश के अलावा घर का खर्चा कैसे चलाएगी, इसी बात को सोचकर परेशान हैं।

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