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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ( संगठन ) BL संतोष इस समय चर्चा में हैं, चर्चा में रहने की वजह यह है कि भाजपा आलाकमान ने बीएल संतोष को उत्तर प्रदेश भाजपा में चल रहे गतिरोध को ख़त्म करने की जिम्मेदारी दी गई है, बीएल संतोष यूपी का दौरा करके दिल्ली वापस लौट आये हैं, अब अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंपेंगे। बीएल संतोष जब इतने चर्चा में ही हैं तो आइये जान लेते हैं ये हैं कौन.
भाजपा में कोई कितना भी कड़ा कद्दावर नेता क्यों न हो, लेकिन सर्वोच्च फैसले लेने का अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास होता है, फैसले को अमलीजामा पहनाने का काम करते हैं महासचिव ( संगठन ), बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद महासचिव ( संगठन ) दूसरा शक्तिशाली व्यक्ति होता है, यानि BL संतोष जेपी नड्डा के बाद पार्टी के दूसरे शक्तिशाली व्यक्ति हैं.
एक और जानने लायक बात यह है कि भाजपा का महासचिव ( संगठन ) पद की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( आरएसएस ) के पूर्णकालिक प्रचारक को ही दी जाती है, इससे पहले रामलाल 13 सालों तक भाजपा के महासचिव ( संगठन ) थे, रामलाल के स्थान पर ही अमित शाह ने अध्यक्ष रहते हुए बीएल संतोष को यह जिम्मेदारी दी, बीएल के कामकाज को देखते हुए नड्डा ने उनका कार्यकाल बढ़ा दिया है.
बीएल संतोष हमेशा हाफ शर्ट, धोती और माथे पर तिलक लगाए हुए नजर आते हैं, बीएल संतोष पेशे से केमिकल इंजीनियर रहे हैं. लेकिन आरएसएस की विचारधारा से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना घर परिवार सब छोड़ दिया आरएसएस के लिए और फिर आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए.
अपने कौशल, कुशल निर्णय लेने और नवीन विचारों के लिए जाने बीएल संतोष जानें जाते हैं, लो प्रोफ़ाइल रहने वाले संतोष पर्दे के पीछे जबरदस्त रणनीति बनानें में माहिर हैं, बीएल संतोष को कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जाता है 50 वर्षीय बीएल संतोष दक्षिण के कई राज्यों में आरएसएस प्रचारक की भूमिका निभाए चुके हैं, पहली बार पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में बीएल संतोष की नियुक्ति मैसूरु में की गई थी, उसके बाद 1997-1998 में शिवमोग्गा और फिर 2000 की शुरुआत में दो से तीन वर्षों के लिए बैंगलोर में स्थानांतरित किया गया था। उसके बाद दक्षिण के अन्य राज्यों में, 2008 तक बीएल संतोष सक्रिय राजनीति से दूर रहे.
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