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यूपी: परिवहन विभाग ने निजी ऐंबुलेंस का किराया किया फिक्स, अधिक वसूली पर निरस्त होगा लाइसेंस

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हेमेन्द्र त्रिपाठी, लखनऊउत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच लोगों को ऐंबुलेंस से जुड़ी आवश्यकताओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने निजी ऐंबुलेंस चालकों की ओर से की जा रही मनमानी पर अब विराम लगा दिया है। यूपी सरकार के निर्देश पर परिवहन विभाग ने निजी ऐंबुलेंस के किराये में एकरूपता लाने के लिए 4 श्रेणियों में बांट कर उनका किराया निर्धारित कर दिया है। ऐंबुलेंस शुल्क निर्धारण के बाद अब लोगों को मनमानी वसूली से राहत मिल सकेगी।4- श्रेणियों में बंटी ऐंबुलेंस सेवापरिवहन विभाग की ओर से निजी ऐंबुलेंस सेवा का किराया निर्धारित करते हुए उन्हें 4 श्रेणियों में बांटा गया है। विभाग ने हर श्रेणी के हिसाब से अलग-अलग मानकों के तहत किराया निर्धारित किया है।A श्रेणी में मेडिकल फर्स्ट रेस्पॉन्डर ऐंबुलेंस शुरुआती 10 किलोमीटर के लिए मरीज/परिजनों की ओर से 500 रुपये का भुगतान किया जाएगा और इसके बाद हर 1 किलोमीटर पर 10 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इसी के साथ B- श्रेणी में रोगी परिवहन ऐंबुलेंस के लिए शुरुआती 10 किलोमीटर पर 1000 रुपये का भुगतान करना होगा। इसके बाद प्रति किलोमीटर 20 रुपये का अतिरिक्त चार्ज देना होगा। C- श्रेणी में बेसिक लाइफ स्पोर्ट के लिए शुरुआती 10 किलोमीटर पर 1500 रुपये। इसके बाद प्रति किलोमीटर 25 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं, अगर D- श्रेणी वाली एडवांस लाइफ सपोर्ट ऐंबुलेंस की बात करें तो शुरुआती 10 किलोमीटर पर 2000 रुपये के भुगतान और इसके बाद प्रति किलोमीटर 30 रुपये का भुगतान करना होगा।निर्धारित शुल्क के हिसाब से मिलेंगी ये सुविधाएंपरिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पेशेंट ट्रांसपोर्ट ऐंबुलेंस, बेसिक लाइफ सपोर्ट ऐंबुलेंस और एडवांस लाइफ सपोर्ट ऐंबुलेंस के निर्धारित शुल्क के हिसाब से ऑक्सिजन, ऐंबुलेंस उपकरण, पीपीई किट, ग्लव्स, मास्क, फेस शील्ड, सैनेटाइजर, चालक, अपेक्षित ईएमटी तथा डाक्टर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि ये ऐंबुलेंस व्यावसायिक न होकर सामाजिक सेवा के लिए कार्य करेंगी। इसके लिए इन ऐंबुलेंस को मोटर व्हीकल अधिनियम में परमिट और कर नियमों के दायरे से बाहर रखा गया है।अधिक वसूली होगी कार्रवाईपरिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार ने आदेश जारी करते हुए बताया कि शासन के निर्देश पर निर्धारित किए गए शुल्क के बावजूद यदि कोई ऐंबुलेंस चालक मरीज और तीमारदारों से अधिक शुल्क की मांग करता है या अधिक शुल्क की वसूली करता है तो शिकायत मिलने के बाद ऐंबुलेंस का पंजीकरण और चालक का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।