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12वीं का एग्जाम नहीं हुआ तो क्या हुआ…यह तैयारी आगे काम आएगी

यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द, प्री बोर्ड के आधार पर तय होगा रिजल्टइंटर्नल एग्जाम और पिछले कई साल के रिजल्ट का डेटा भी लिया जाएगायूपी बोर्ड यह रिजल्ट टेस्टिंग एजेंसी और यूनिवर्सिटी से भी साझा करेगाजो रिजल्ट से संतुष्ट नहीं उनकी हालात सामान्य होने पर एमसीक्यू परीक्षालखनऊपरीक्षाएं रद होने के बाद रिजल्ट की फिक्र किए बिना आगे की तैयारी करें। जिनके प्री-बोर्ड एग्जाम अच्छे नहीं हुए या जिन विद्यार्थियों ने परीक्षा की बहुत तैयारी की, वे यह न सोचें कि मौका हाथ से निकल गया। आपके पास एक सर्टिफिकेट आ रहा है, जिसके आधार पर आप आगे की तैयारी करेंगे‌। आजकल बहुत सारे संस्थान एंट्रेंस के जरिए दाखिला लेते हैं‌। ऐसे में आपकी तैयारी रिटन एग्जाम और इंटरव्यू में काम आएगी‌। ये बातें बुधवार को नवभारत टाइम्स के फेसबुक पेज पर ‘शिक्षा की बदलती परिस्थितियों और भविष्य के विकल्पों’ पर हुए लाइव कार्यक्रम में शिक्षाविद् और करियर काउंसलर डॉ. अमृता दास ने कहीं। इस दौरान शिक्षाविदों ने यूपी बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन, 12वीं के बाद के विकल्पों और भविष्य की तैयारी से जुड़ी जानकारी दी‌।

परीक्षा का भी विकल्पडॉ. अमृता दास ने बताया कि परीक्षाएं रद होने से असमंजस की स्थिति से निजात मिली है। बारहवीं का रिजल्ट प्री बोर्ड और इंटर्नल एग्जाम के डेटा के आधार पर तय होगा। इसमें स्कूल के पिछले कई साल के रिजल्ट का डेटा भी लिया जाएगा, ताकि एक पारदर्शी और वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई जा सके। इसमें बारहवीं के इंटर्नल एग्जाम और प्री-बोर्ड के साथ दसवीं का रिजल्ट भी जोड़ने के सुझाव दिए जा रहे हैं। बोर्ड यह रिजल्ट टेस्टिंग एजेंसी और यूनिवर्सिटी से भी साझा करेगा, ताकि बच्चों के लिए भविष्य में बेहतर रास्ता निकले। जो बच्चे अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें बाद में परिस्थितियां सामान्य होने पर परीक्षा देने का विकल्प भी रखा गया है। उम्मीद है कि परीक्षा एमसीक्यू आधारित होगी। इससे समय भी कम लगेगा।

UP Board Exam Cancel: यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा रद्द, डिप्टी सीएम ने दी ये जानकारीऑनलाइन कोर्स से बढ़ाएं अपनी क्षमताएंएसआरएमएस बरेली के डॉ. मोहम्मद सलमान शम्सी ने कहा कि अब विद्यार्थी करियर के बारे में सोचें। बोर्ड की मार्कशीट और सर्टिफिकेट आपको मंच तक पहुंचाने का सिर्फ एक टिकट है। इसके बाद की सफलता आपकी परफॉर्मेंस पर निर्भर करती है। विद्यार्थियों के लिए बहुत सारे ऑनलाइन प्लैटफॉर्म हैं। एलपीडीएल, स्वयं पोर्टल समेत कई प्राइवेट पोर्टल हैं, जिनके जरिए ऑनलाइन पढ़ाई की जा सकती है। यह समय विद्यार्थियों के लिए गोल्डन पीरियड है। अपनी रुचि के क्षेत्र में खूब जानकारी जुटाइए और सीखिए‌। अपनी स्किल्स और क्षमताओं को बढ़ाइए‌। अगर इंजिनियरिंग करनी है तो उससे जुड़ी सभी स्किल्स आपके पास हों और आपका सीवी दूसरों से अलग और बेहतर हो। इसके अलावा 12वीं के बच्चों में करियर को लेकर जो कंफ्यूजन होता है, उसे भी दूर करना होगा।इंटरनेट सुविधा बढ़ाने की जरूरतसेंट्रल अकैडमी के निदेशक हरीश पांडेय ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए अभी पढ़ाई का आधार ऑनलाइन ही रहेगा‌। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान आ रही व्यावहारिक परेशानियों को दूर करने के लिए इंटरनेट एक्सेस बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड बारहवीं और दसवीं के मूल्यांकन के दौरान दूसरे स्कूल के सदस्यों को शामिल कर सकता है, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया को पारदर्शी रखा जा सके।UP Board Marking Scheme: एग्जाम कैंसिल, जानें अब कैसे होगी मार्किंग, सरकार ने बताया फॉर्मूलाअभिभावक भी दबाव कम करेंशोभित यूनिवर्सिटी के निदेशक देवेंद्र नारायण ने कहा कि बारहवीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर तीन तरह के दबाव होते हैं‌। एक तो उनका खुद यह सोचना कि मुझे आगे कुछ करना है‌। इसके बाद फिर यह प्रेशर कि दोस्त आगे न निकल जाएं‌। तीसरा अभिभावकों का दबाव। अभिभावक बच्चों पर अपने सपने थोपते हैं, जो गलत है। सरकार ने बच्चों के ऊपर से परीक्षा का दबाव कम किया है, अभिभावकों को भी अपने दबाव से मुक्त करना चाहिए और बच्चे को उसकी रुचि का करियर चुनने की आजादी देनी चाहिए।असेसमेंट सिस्टम में हो रहा बदलावडॉ. अमृता दास ने कहा कि इस समय दुनियाभर में असेसमेंट सिस्टम में बदलाव हो रहा है‌। नई शिक्षा नीति-2020 में भी कहा गया है कि एक परीक्षा और उसके अंकों से बच्चों की पूरी काबिलियत को आंका नहीं जा सकता। यह एक सतत प्रक्रिया है‌। बच्चों का ज्ञान, उनकी को-करिकुलम एक्टिविटीज, प्रॉजेक्ट्स का भी असेसमेंट हो। यह अगले साल से लागू हो जाएगा।प्रतीकात्मक तस्वीर