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बेमौसम बांधों से गंगा में छोड़ा पानी, जलस्तर बढ़ने से लोग भौचक

prayagraj news : संगम तट पर गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण सामान हटाते घाटिये।
– फोटो : prayagraj

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जून की गर्मी में बेमौसम बांधों से पानी छोड़े जाने से अचानक गंगा-यमुना के जलस्तर में वृद्धि को लेकर लोग भौचक हैं। करीब एक मीटर जलस्तर बढ़ने से संगम पर तीर्थपुरोहितों और पूजा-प्रसाद की सामग्री बेचने वालों को जहां सामान हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, वहीं तटों के आसपास कोरोना काल में दफनाई गई लाशें भी कटान की वजह से दिखने लगी हैं। गंगा की तलहटी में कटान से किसानों की सब्जी की फसलों पर भी असर पड़ गया है।
शुक्रवार को भी गंगा के जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई। फाफामऊ में इस दिन गंगा का जलस्तर 76.75 मीटर रिकार्ड किया गया। पिछले तीन दिनों में गंगा के जल स्तर में 75 सेंटीमीटर से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। चर्चा है कि कोरोना काल में गंगा के किनारों पर दफनाए गए शवों को बहाने के लिए गंगा में बांधों से पानी छोड़ा गया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि हाल के दिनों में आए तूफान के असर से पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश की वजह से जलस्तर बढ़ रहा है। फिलहाल बेमौसम गंगा के जलस्तर में हुई इस बढोतरी से संगम घाट पर घाटियों, तीर्थपुरोहितों फेरीवालों और पूजा सामग्री बेचने वालों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
संगम घाट पर आश्रित लोग अपनी चौकियां और दुकानें लगातार समेट कर पीछे हट रहे हैं। तीर्थपुरोहित राजमणि तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को भी पानी बढ़ता रहा। इस वजह से दर्जनों दुकानदारों और घाटियों को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा है। गंगापुत्र घटिया संघ के सदस्य शालिग्राम पांडेय बताते हैं कि जून के महीने में कभी भी गंगा में बांधों से पानी नहीं छोड़ा जाता रहा है। असमय पानी छोड़े जाने से परेशानी तो बढ़ी ही है, जगह-जगह कटान होने से भी लोग हालाकान हैं। खासतौर से गंगा के किनारों पर सब्जी उगाने वालों की दिक्कतें इससे ज्यादा बढ़ गई हैं।पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद जल दबाव बढ़ने की वजह से बांधों से पानी छोड़ा गया है। इस पानी से अभी किसी तरह का खतरा नहीं है। फिलहाल स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जल्द ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर जल स्तर की मानिटरिंग शुरू कर दी जाएगी। – ब्रजेश कुमार सिंह, एक्सईएन, सिंचाई बाढ़ खंड।

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जून की गर्मी में बेमौसम बांधों से पानी छोड़े जाने से अचानक गंगा-यमुना के जलस्तर में वृद्धि को लेकर लोग भौचक हैं। करीब एक मीटर जलस्तर बढ़ने से संगम पर तीर्थपुरोहितों और पूजा-प्रसाद की सामग्री बेचने वालों को जहां सामान हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, वहीं तटों के आसपास कोरोना काल में दफनाई गई लाशें भी कटान की वजह से दिखने लगी हैं। गंगा की तलहटी में कटान से किसानों की सब्जी की फसलों पर भी असर पड़ गया है।

prayagraj news : पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर बढ़ा।
– फोटो : prayagraj

शुक्रवार को भी गंगा के जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई। फाफामऊ में इस दिन गंगा का जलस्तर 76.75 मीटर रिकार्ड किया गया। पिछले तीन दिनों में गंगा के जल स्तर में 75 सेंटीमीटर से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। चर्चा है कि कोरोना काल में गंगा के किनारों पर दफनाए गए शवों को बहाने के लिए गंगा में बांधों से पानी छोड़ा गया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि हाल के दिनों में आए तूफान के असर से पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश की वजह से जलस्तर बढ़ रहा है। फिलहाल बेमौसम गंगा के जलस्तर में हुई इस बढोतरी से संगम घाट पर घाटियों, तीर्थपुरोहितों फेरीवालों और पूजा सामग्री बेचने वालों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

prayagraj news : पानी छोड़े जाने से गंगा में बढ़ा जलस्तर।
– फोटो : prayagraj

संगम घाट पर आश्रित लोग अपनी चौकियां और दुकानें लगातार समेट कर पीछे हट रहे हैं। तीर्थपुरोहित राजमणि तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को भी पानी बढ़ता रहा। इस वजह से दर्जनों दुकानदारों और घाटियों को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा है। गंगापुत्र घटिया संघ के सदस्य शालिग्राम पांडेय बताते हैं कि जून के महीने में कभी भी गंगा में बांधों से पानी नहीं छोड़ा जाता रहा है। असमय पानी छोड़े जाने से परेशानी तो बढ़ी ही है, जगह-जगह कटान होने से भी लोग हालाकान हैं। खासतौर से गंगा के किनारों पर सब्जी उगाने वालों की दिक्कतें इससे ज्यादा बढ़ गई हैं।पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद जल दबाव बढ़ने की वजह से बांधों से पानी छोड़ा गया है। इस पानी से अभी किसी तरह का खतरा नहीं है। फिलहाल स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जल्द ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर जल स्तर की मानिटरिंग शुरू कर दी जाएगी। – ब्रजेश कुमार सिंह, एक्सईएन, सिंचाई बाढ़ खंड।