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करदाताओं के ₹2 करोड़ पर चल रहे हैं BMC के 34 ट्विटर अकाउंट, कई फेक है

सोशल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचना आसान है, लेकिन इसका प्रयोग भी भ्रष्टाचार के लिए किया जा सकता है, ये बात महाराष्ट्र से सामने आई है, क्योंकि देश की सबसे बड़ी महानगर पालिका बीएमसी का ट्विटर पर करीब 34 अकाउंट हैं। ताज्जुब की बात ये है कि इनमें से अधिकतर अकाउंट वेरिफाइड भी नहीं है। आरोप हैं कि इन ट्विटर हैंडल्स को ऑपरेट करने के लिए प्रतिवर्ष 2 करोड़ रुपये का खर्च आता है,  जिसके बाद बीएमसी पर सरकारी पैसों को गलत तरीके से खर्च करने के आरोप लग रहे हैं, जो कि प्रासंगिक भी हैं। कुछ इसी तरह से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी कुछ दिन पहले ही अपने ट्विटर अकाउंट पर 6 करोड़ रुपए प्रतिमाह खर्च करने की बात कही थी। हालांकि, वो फैसला बाद में वापस लिया गया था।

बीएमसी को देश की सबसे धनाढ्य महानगरपालिका माना जाता है। शिवसेना का अस्तित्व इस बीएमसी के कारण आज भी बना हुआ है, लेकिन बीएमसी की मेयर के बड़बोले बयानों और भ्रष्टाचारों को लेकर बीएमसी चर्चा का विषय बन गई है। वहीं अब एक खुलासे के मुताबिक, बीएमसी के 34 ट्विटर अकाउंट के लिए प्रतिवर्ष 2 करोड़ रुपए का खर्च आता है जिसके बाद बीएमसी सवालों के घेरे में हैं। खबरों के मुताबिक BMC ने 2019 में बिना टेंडर जारी किए S2 इन्फोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड को अपने ट्विटर अकाउंट्स के संचालन के लिए 5.8 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया था।

बीएमसी ने कंपनी को ये कॉन्ट्रैक्ट जुलाई 2022 तक के लिए दिया था। दिलचस्प बात ये हैं कि इनमें BMC के मुख्य ट्विटर अकाउंट @mybmc समेत 34 ट्विटर अकाउंट हैं। इन 34 अकाउंट्स में 24 वार्डों और अन्य विभागों के अकाउंट्स भी शामिल हैं। हालांकि, 12 फरवरी को एक रिपोर्ट आई थी कि इन 34 अकाउंट्स में 12 तकनीकी कारणों से निष्क्रिय हो गए थे, जो कि कुछ अन्य सवाल भी खड़े करता है कि इन निष्क्रिय अकाउंट के लिए खर्च किया गया पैसा आखिर कहां जा रहा है?