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कोरोना ने छीन लिया 3 बच्चों के सिर से मां-बाप का साया, घर में रह गईं सिर्फ दादी

एक परिवार में तीन बच्चों से मां-पिता का साया छिन गयापैसों की तंगी के चलते एक परिवार ने की खुदकुशी की कोशिश भी की350 बच्चों के सामने मुसीबत का पहाड़प्रेमदेव शर्मा, मेरठमेरठ में कोरोना की दूसरी लहर ने कई परिवारों को जिंदगी भर का जख्म दे दिया है। मेरठ के मवाना में एक ऐसा परिवार है, जिसमें तीन बच्चों के सिर से एक साथ माता-पिता का साया उठ गया। घर में कोई कमाने वाला नहीं रहा। परिवार में केवल रह गई हैं 75 साल की दादी। जेलचुंगी में परिवार के मुखिया की मौत के बाद पत्नी और बच्चों ने परेशानियों से तंग आकर जान देने की कोशिश की।मेरठ जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर ने मेरठ जोन में 350 बच्चों के सिर से हमेशा के लिए पैरंट्स का साया छीन लिया। इनमें 245 बच्चों के पिता नहीं रहे। 56 बच्चों की मां नहीं रही। 49 बच्चों के माता-पिता दोनों नहीं रहे।तीन बच्चों से छिन गया मां-पिता का सायामवाना नगर के मोहल्ला काबलीगेट में बुढ्डापीर के पास रहे परिवार पर कोरोना का कहर बरसा। एक साथ माता-पिता की मौत हो गई। बड़ी बेटी पलक (15), परी (14), आराध्या (6) बेसहारा हो गए। 75 साल की बुजुर्ग महिला के सामने पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। तीनों बच्चे अपनी दादी के साथ दो किराए के मकान में रह रहे हैं। परिवार की 75 साल की बुजुर्ग महिला बीरो कहती हैं कि कोरोना महामारी ने उनके परिवार को तोड़कर रख दिया है।

उनके बुढ़ापे की लाठी छिन गई। इन हालातों में तीनों बच्चों के खाने और पढ़ाई खर्च की व्यवस्था कहां से हो पाएगी। पूरे परिवार ने की खुदकुशी की कोशिशजेलचुंगी निवासी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण हुआ तो परिवार की सारी जमा पूंजी खत्म हो गई। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। कोरोना से उनकी मौत हो गई। परिवार में पत्नी और दो बच्चे ही रह गए। परिवार की आमदनी का जरिया बंद हो गया। महिला के सामने अब दो बच्चों के भविष्य और घर चलाने की समस्या आ खड़ी हुई। अंत में आजिज आकर महिला ने आत्मघाती कदम उठा लिया। दोनों बच्चों के साथ सुसाइड का प्रयास किया। हालांकि, गनीमत रही इस दौरान पड़ोस की महिला वहां पहुंच गई और तीनों को बचाया। 350 बच्चों के सामने मुसीबत का पहाड़कोरोना की दूसरी लहर ने मेरठ मंडल में 245 बच्चों के सिर से हमेशा के लिए पिता का साया छीन लिया। 56 बच्चों की मां नहीं रही। 49 बच्चों के माता-पिता दोनों नहीं रहे। मेरठ मंडल के कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि मंडल के सभी छह जिलों के आंकड़ों को तैयार कराया तो ऐसे 350 बच्चों की संख्या सामने आई है जिन्होंने कोरोना की वजह से अपने मां या पिता को खो दिया है। इनमें सबसे अधिक 119 बच्चे गाजियाबाद जिले में बेसहारा हुए हैं। मेरठ में ऐसे बच्चों की संख्या 66 है। हापुड़ में भी 44 बच्चों का सहारा छीन गया है। 71 बच्चे गौतमबुद्धनगर और 17 बच्चे बुलंदशहर के बेसहारा हो गए हैं।