Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

मालवीय बोले- दो साल से लगी है यह तस्वीर, बेवजह विवाद खड़ा करने की हो रही है कोशिश

उत्तर प्रदेश भाजपा के ट्विटर हैंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर अचानक गायब हो जाने से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच बढ़ती दूरी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन भाजपा ने इसे ‘व्यर्थ का विवाद’ खड़ा करने की कोशिश बताया है। भाजपा के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश भाजपा के ट्विटर हैंडल पर यही तस्वीर पिछले दो साल से लगी हुई है और इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। लेकिन कुछ लोग साजिश के तहत भाजपा नेताओं में टकराव की खबर को प्लांट करने के लिए इस तरह के विवाद को जन्म देने की कोशिश कर रहे हैं।   भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि मीडिया के कुछ लोग तथ्यों के बिना इस तरह के ट्वीट कर सनसनी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। वे पिछली कुछ घटनाओं में इसी तरह की कोशिश करते हुए बेनकाब भी हो चुके हैं और अभी भी इस तरह की कोशिशों में जुटे हुए हैं। लेकिन इस मामले में तथ्य यह है कि उत्तर प्रदेश भाजपा के ट्विटर हैंडल पर यही तस्वीर पिछले दो साल से लगी हुई है।हालांकि, जानकार लोग भाजपा नेता की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश भाजपा के ट्विटर हैंडल से यह तस्वीर सोमवार सुबह पोस्ट की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो नहीं है। इसके पहले की फोटो में प्रधानमंत्री की फोटो लगी हुई थी।
यहां भी हुए फर्जी ट्वीट
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के ऊपर भी इसी तरह की टिप्पणी की गई थी। तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने अपने ओएसडी के रूप में अपने रिश्तेदारों को तैनात कर रखा है। राज्यपाल ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि उनके कार्यालय में उनका कोई रिश्तेदार नियुक्त ही नहीं हैं। उनके ओएसडी के रूप में नियुक्त छह अधिकारियों में चार उनकी जाति या राज्य से भी नहीं हैं। अधिकारी तीन अलग-अलग राज्यों से हैं। इस स्पष्ट जानकारी के बाद भी मोइत्रा के ट्वीट पर यह खबर मीडिया में एक सनसनी बन गई।
किस तरह उठा विवाद
दरअसल, दो दिन पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके जन्मदिन पर बधाई नहीं दी थी। इसे भाजपा के दोनों शीर्ष नेताओं के बीच सब कुछ ठीक न होने के रूप में देखा जा रहा था। हालांकि, बाद में पता चला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल योगी आदित्यनाथ को ही नहीं, बल्कि नितिन गडकरी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित कई अन्य नेताओं को भी उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं नहीं दी थीं। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मामले में इसे दोनों नेताओं के बीच दूरी के रूप में प्रचारित किया गया।यहां तक बताया गया है कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट की मुख्य फोटो पर भी इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो हटा ली गई है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की फोटो लगी हुई है। हालांकि, योगी खेमे का कहना है कि यह मिशन उत्तर प्रदेश का है और इसलिए इस पर केवल उत्तर प्रदेश के नेताओं की ही तस्वीर लगाई गई है। इस पर भी कोई विवाद नहीं है।दरअसल, भाजपा नेताओं का मानना है कि पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम को देखकर कुछ लोग ज्यादा उत्साह के शिकार हो रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि इसी तरह विवाद खड़ा कर जनता के मन में भ्रम की स्थिति पैदा की जा सकती है और इसका लाभ उठाया जा सकता है। लेकिन इन नेताओं का मानना है कि पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश की जमीनी स्थिति में जमीन-आसमान का अंतर है। भाजपा नेताओं का दावा है कि वह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव में उतरेगी और पूर्ण बहुमत हासिल करेगी।